रास में उठी मनरेगा के कार्यदिवस, पारिश्रमिक बढ़ाए जाने की मांग
नयी दिल्ली : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को एक बेहतरीन योजना बताते हुए राज्यसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने इसके लिये नियत कार्य दिवस एवं पारिश्रमिक बढ़ाए जाने की मांग की. शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन भुनिया ने कहा ‘‘इसमें कोई शक […]
नयी दिल्ली : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को एक बेहतरीन योजना बताते हुए राज्यसभा में बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने इसके लिये नियत कार्य दिवस एवं पारिश्रमिक बढ़ाए जाने की मांग की. शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन भुनिया ने कहा ‘‘इसमें कोई शक नहीं है कि मनरेगा बहुत ही बेहतर कार्यक्रम है.
इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने में बहुत मदद मिली है.” उन्होंने कहा कि बदलती स्थितियों को देखते हुए अब मनरेगा के तहत 100 दिन के रोजगार के बजाय 200 दिनों के रोजगार की गारंटी होनी चाहिए. साथ ही इसके तहत कामगारों के लिए 300 रुपये प्रति दिन की दिहाड़ी तय की जानी चाहिए.
विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया. तृणमूल कांग्रेस के ही अहमद हसन ने शून्यकाल के दौरान बच्चियों से बलात्कार के मामलों में वृद्धि का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि पोक्सो अधिनियम जैसे कानून के बावजूद ऐसे मामले रुक नहीं रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले सामने नहीं आ पाते और कई बार कानूनी अड़चनों की वजह से आरोपी बच निकलते हैं.
हसन ने सरकार से मांग की कि उसे न केवल पीड़ित के इलाज और उसके पुनर्वास का खर्च उठाना चाहिए बल्कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा भी मुहैया करानी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लील सामग्री के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए .