नाबालिग नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
बालाघाट (मप्र): यहां बालाघाट के पुलिस अधीक्षक के सामने सत्रह वर्ष के एक नाबालिग नक्सली गजर्न सिंह सलामे ने आज आत्मसमर्पण कर दिया. नक्सलवादी गजर्न सिंह के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि नक्सल विराधी अभियान के दबाव के बाद छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के गातापारा थाना […]
बालाघाट (मप्र): यहां बालाघाट के पुलिस अधीक्षक के सामने सत्रह वर्ष के एक नाबालिग नक्सली गजर्न सिंह सलामे ने आज आत्मसमर्पण कर दिया. नक्सलवादी गजर्न सिंह के आत्मसमर्पण के बाद पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि नक्सल विराधी अभियान के दबाव के बाद छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के गातापारा थाना क्षेत्र के कौवाबहरा गांव निवासी गजर्न ने अपनी एक भरमार बंदूक के साथ आत्मसमर्पण किया है.
पहले खबर आई थी कि सुलसली पुलिस चौकी पुलिस ने गजर्न को उसकी बंदूक सहित हिरासत में लिया है. लेकिन आज पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उसने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने कहा कि इस आत्मसमर्पण में पुलिस महानिरीक्षक केपी खरे एवं पुलिस उप महानिरीक्षक डीपी सिंह का मार्गदर्शन रहा तथा इसमें लांजी के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) आकाश भूरिया एवं सुलसुली पुलिस चौकी के अधिकारी-कर्मचारियों की अहम भूमिका रही है. उन्होंने ही गजर्न सिंह को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में सराहनीय भूमिका निभायी है.
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आत्मसमर्पण के बाद गजर्न सिंह ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि अगस्त 2012 में ग्राम कौवाबहरा से गातापारा स्कूल जाते समय नक्सली दलम कमांडर चंदू उर्फ देवचंद जंगल के रास्ते में मिल गया था, जो जबरन उसे अपने साथ ले जाकर कट्टीपार क्षेत्र में टांडा दलम में छोड़ दिया था. पुलिस को उसने बताया कि टांडा दलम में लगभग आठ दिन रहने के बाद वह कोरची, गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) जाकर वहां कोरची दलम में शामिल हो गया था. दलम में उसके पास जो भरमार बंदूक थी, उसके साथ ही उसने आत्मसमर्पण किया है.