21 सवालों के घेरे में टिक टॉक, जवाब नहीं देने पर बैन, सरकार ने हेलो ऐप को भी भेजा नोटिस
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिक टॉक और हेलो ऐप को लेकर बढ़ रहे विवादों के बीच सरकार ने दोनों कंपनियों को नोटिस भेजा है. नोटिस में सरकार ने दोनों कंपनियों से 21 सवालों पर स्पष्टीकरण मांगा है. अगर कंपनियां इन 21 सवालों के जवाब नहीं दे पाती हैं तो इन दोनों ऐप पर सरकार बैन लगाने […]

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिक टॉक और हेलो ऐप को लेकर बढ़ रहे विवादों के बीच सरकार ने दोनों कंपनियों को नोटिस भेजा है. नोटिस में सरकार ने दोनों कंपनियों से 21 सवालों पर स्पष्टीकरण मांगा है.
अगर कंपनियां इन 21 सवालों के जवाब नहीं दे पाती हैं तो इन दोनों ऐप पर सरकार बैन लगाने की कार्रवाई कर सकती है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इकाई स्वदेशी जागरण मंच ने पीएम को इस बाबत शिकायत दर्ज करायी थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि प्लेटफॉर्म के जरिये एंटी-नेशनल एक्टिविटीज की जा रही हैं. इसके बाद से मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स की तरफ से इस बारे में एक्शन लिया गया है. आइटी मिनिस्ट्री ने अब हेलो और टिक टॉक से इन आरोपों पर सफाई मांगी है.
साथ ही हेलो ऐप से अन्य सोशल मीडिया साइट्स को 11 हजार मॉर्फ्ड राजनीतिक विज्ञापन देने के लिए भारी राशि खर्च करने संबंधी आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं, मिनिस्ट्री ने इस प्लेटफॉर्म पर छोटे बच्चों के कम-से-कम 13 साल के होने के एनरोलमेंट पर भी चिंता जतायी है, जबकि यह उम्र 18 साल की रखी जानी चाहिए.
22 जुलाई से पहले पहले टिक टॉक और हेलो ऐप को सरकार के इन 21 सवालों के जवाब देने पड़ेंगे. नहीं तो सरकार सख्त एक्शन लेते हुए इन ऐप्स को बैन कर देगी. सरकार ने सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके प्लेटफॉर्म का प्रयोग देश-विरोधी गतिविधि के लिए नहीं हो रहा है.
13 साल के बच्चों के एनरोलमेंट होने पर मंत्रालय ने जतायी चिंता
सरकार के द्वारा पूछे गये कुछ सवाल
ऐप उपभोक्ता का कितना डाटा इकट्ठा करता है, क्या कंपनी किसी तीसरे व्यक्ति से साथ डेटा शेयर करती है.
कंपनी 18 साल के कम उम्र वाले उपभोक्ताओं को किस तरह वेरीफाई करती है. बाकी देशों में टिकटॉक चलाने की उम्र कितनी है.
कंपनी अपने प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक कंटेंट हटाने के लिए क्या कर रही है. क्या कंपनी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट सार्वजनिक
करती है.
01 जुलाई, 2017 से अब तक कंपनी को कितनी शिकायतें मिलीं और कंपनी ने उनका क्या किया.
कंपनी अभिभावकों के संदेह को दूर करने के लिए क्या कर रही है
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध इकाई स्वदेशी जागरण मंच ने पीएम के पास दर्ज करायी थी शिकायत
प्लेटफॉर्म के जरिये एंटी-नेशनल एक्टिविटीज का लगा है आरोप
टिक टॉक और हेलो करेगी सरकार के साथ सहयोग
अपने ऊपर लगे आरोपों पर टिक टॉक और हेलो ने कहा कि ‘एंटी-नेशनल एक्टिविटी का हब’ … न ही इंडियन यूजर्स का डेटा ट्रांसफर किया जा रहा है और न ही आगे किसी विदेशी गवर्नमेंट को दिया जायेगा. हम सरकार के साथ हर तरह से सहयोग करेंगे. आने वाले तीन सालों में इस टेकनॉलोजी के इंफ्रास्टक्चर को डेवलेप करने में एक बिलियन डॉलर खर्च करने जा रहे हैं.