मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल : पहले 50 दिनों में आर्थिक वृद्धि को गति देने पर जोर

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 50 दिनों में आर्थिक वृद्धि को तेज करने तथा देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने को प्राथमिकता दी है. सरकार के नीति निर्माण से जुड़े दो अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2019 6:04 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 50 दिनों में आर्थिक वृद्धि को तेज करने तथा देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने को प्राथमिकता दी है. सरकार के नीति निर्माण से जुड़े दो अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए पिछले 50 दिनों में सुधार के कई कदम उठाये हैं. हालांकि, उन्होंने इन कदमों के बारे में जानकारी नहीं दी. अधिकारियों ने कहा, सरकार यह महसूस करती है कि परिस्थितियों को बेहतर बनाने वाले बदलाव आर्थिक वृद्धि तथा समावेशी विकास के जरिये ही लाये जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने जेएंडके बैंक से भ्रष्ट अधिकारियों की सफाई समेत कई विभागों से भ्रष्ट नौकरशाहों को हटाकर भ्रष्टाचार पर कुछ भी बर्दाश्त नहीं करने की नीयत साफ कर दी है. उन्होंने कहा कि श्रम सुधार, गरीबों को चूना लगाने वाले धोखेबाजों के खिलाफ कठोर कानून, बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वालों के लिए मौत की सजा, खरीफ फसलों के लिए अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य आदि उन कदमों में शामिल हैं जो पिछले 50 दिनों में सरकार ने उठाये हैं.

अधिकारियों ने कहा कि न सिर्फ घरेलू मोर्चे पर, बल्कि विदेश नीति के मोर्चे पर भी तेजी से कदम उठाये गये हैं. राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, मोदी सरकार ने चुनावों में भारी सफलता के बाद 30 मई को दोबारा सत्ता संभालते ही चुनावी वायदों को पूरा करने के कई कदम उठाये. इसमें किसानों, छोटे व्यापारियों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए पेंशन योजना, प्रधानमंत्री किसाना सम्मान निधि योजना का लाभ सभी किसानों को देना, जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना जैसे कदम शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को प्राथमिकता देने की नीति को बरकार रखा है. उन्होंने अपने दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी से लगे देशों के बीच विविध क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल) के देशों को आमंत्रित किया. उन्होंने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही मालदीव व श्रीलंका की यात्राएं की. मोदी शांघाई सहयोग शिखर सम्मेलन और जी20 शिखर सम्मेलन (ओसाका) में गये. इन सम्मेलनों में उनकी चीन, अमेरिका, जापान और कई अन्य देशों के नेताओं के साथ अलग से बातचीत हुई.

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