रोजेदार के मुंह में जबरन रोटी ठूंसने के मामले में आज भी संसद में हो सकता है हंगामा

नयी दिल्ली: दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में शिवसेना के 11 सांसदों द्वारा कथित रुप से वहां के एक रोजादार मुस्लिम कर्मचारी को जबरन रोटी खिलाने पर सदन में आज भारी हंगामा हुआ जिसके चलते बैठक को दस मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा.जानकारी के मुताबिक शिवसेना सांसदों ने अपने इस व्यवहार पर माफी मांग ली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2014 12:02 PM

नयी दिल्ली: दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में शिवसेना के 11 सांसदों द्वारा कथित रुप से वहां के एक रोजादार मुस्लिम कर्मचारी को जबरन रोटी खिलाने पर सदन में आज भारी हंगामा हुआ जिसके चलते बैठक को दस मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा.जानकारी के मुताबिक शिवसेना सांसदों ने अपने इस व्यवहार पर माफी मांग ली है. उन्होने कहा कि अगर इस व्यवहार से किसी के भावना को ठेस पहुंची है तो इसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं. लेकिन शिवसेना सांसदों की इस हरकत पर सोशल साइट में भी बहस का मुद्दा बन गया है.

https://twitter.com/HafizSaeedJUD/statuses/491913229518389248

पाकिस्तानी से भी इस मामले पर आवाज उठने लगी है.आतंकी हाफिज सईद और 26/11 के आरोपी ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

हाफिज ने कहा कि शिवसेना के नेताओं के द्वारा की गयी हरकत मानवता का अपमान है और इस्लाम के महत्व का अपमान है. उन्होंंने मुसलमानों को एकजुट होने और अपने धर्म की रक्षा करने की बात कही है. हाफिज ने मोदी सरकार पर भी हमला करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार में बड़ी बात नहीं है.

शून्यकाल शुरु होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस के एम आई शाहनवाज को यह विषय उठाने की अनुमति दी. शाहनवाज ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सदन में वहां के एक कर्मचारी को शिवसेना के कुछ सांसदों ने केवल इसलिए चपाती खाने पर मजबूर किया कि क्योंकि वह उन्हें महाराष्ट्रीयन खाना उपलब्ध नहीं करा पाया था. कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह विषय इसलिए गंभीर है क्योंकि यह रमजान का पवित्र महीना है और संबंधित कर्मचारी जिसे जबरन रोटी खिलायी गयी, उसका रोजा था.

उन्होंने कहा कि इस कर्मचारी की नेमप्लेट से भी यह साफ था कि वह मुस्लिम है. इसके बावजूद रमजान के महीने में उसके साथ यह व्यवहार किया गया. इस बीच संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने शाहनवाज द्वारा इस कर्मचारी का नाम लेने और इस विषय को उठाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सदन के बाहर के व्यक्ति का नाम नहीं लिया जा सकता है और साथ ही यह एक संवेदनशील मामला है और सचाई क्या है, यह मालूम नहीं, इसलिए मामला रिकार्ड में नहीं जाना चाहिए.

बहरहाल, अध्यक्ष ने शिवसेना के अनंत गीते को उनकी बात रखने का अवसर दिया. गीते ने कहा कि रमजान एक पवित्र महीना माना जाता है और सभी उसका सम्मान करते हैं और इसलिए इस पवित्र महीने में किसी को असत्य बात नहीं कहनी चाहिए. उन्होंने ऐसी कोई घटना होने से इंकार किया. इससे पहले, उन्होंने असत्य शब्द की जगह एक अन्य शब्द का प्रयोग किया था जिस पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जतायी और अध्यक्ष ने उस शब्द को कार्यवाही से निकालने की व्यवस्था दी.

#ForcedToBreakFast incident by Shiv Sena MPs is a disgrace to humanity and a direct attack on core Islamic Values

https://twitter.com/HafizSaeedJUD/statuses/491910958227263488

* क्‍या है मामला

गौरतलब हो कि शिवसेना के सांसदों ने रमजान के मौके पर एक मुस्लिम स्‍टॉफ के साथ बदसलूकी की घटना को अंजाम दिया है. शिवसेना के 11 सांसदों पर मुस्लिम स्‍टॉफ के साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया गया है. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार महाराष्ट्र सदन में महाराष्ट्र का व्यंजन न परोसे जाने से नाराज शिवसेना के 11 सांसदों ने कैटरिंग सुपरवाइजर अरशद के साथ बुरा व्यवहार किया.

इस मामले में महाराष्ट्र रेसीडेंट कमिश्नर से शिकायत की गयी. कमिश्नर से शिकायत मिलते ही अरशद और आईआरसीटीसी से माफी मांगी गयी. इधर इस मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि यह सभी आरोप बेबुनियाद हैं.

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