अर्थशास्त्र मेें है रूचि तो इन संस्थानों में लें दाखिला, यहां मिलता है बेहतरीन करियर ऑप्शन

नयी दिल्ली: बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच बढ़ते औद्योगीकरण, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और सेवा के बदलते स्वरूप के बीच अर्थशास्त्र के क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ी है. इसके अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है. इसके अलावा इसमें लोगों की खर्च क्षमता और बाजार का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2019 12:04 PM

नयी दिल्ली: बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के बीच बढ़ते औद्योगीकरण, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और सेवा के बदलते स्वरूप के बीच अर्थशास्त्र के क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की मांग बढ़ी है. इसके अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है. इसके अलावा इसमें लोगों की खर्च क्षमता और बाजार का क्या संबंध है और जीडीपी, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी जैसे मामलों में अर्थशास्त्रियों की क्या भूमिका होती है, जैसे विषयों के बारे में विस्तार से बताया जाता है.

अर्थशास्त्र में कुशल पेशेवर बनने के लिये जरूरी कोर्स

देश के अधिकतर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अर्थशास्त्र से संबंधित ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर के कोर्स उपलब्ध हैं. ग्रेजुएशन स्तर पर बीए या बीए (ऑनर्स) इकोनॉमिक्स, बीएससी इकोनॉमिक्स, बीए इन बिजनेस इकोनॉमिक्स और बीए इन एप्लाइड इकोनॉमिक्स कुछ प्रचलित कोर्स हैं.

इस विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएट होना जरूरी है. छात्र पीजी स्तर पर फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स में एमए, इकोनॉमिक्स में एमए, इकनोमेट्रिक्स में एमए, बिजनेस इकोनॉमिक्स में एमए, एप्लाइड इकोनॉमिक्स में एमए, इकोनॉमिक्स में एमएससी, एमबीए (बिजनेस इकोनॉमिक्स ) जैसे कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. इसके बाद इकोनॉमिक्स में एम.फिल व पीएचडी की राह पकड़ सकते हैं. छात्र आगे अपनी रुचि को समझते हुए माइक्रो इकोनॉमिक्स, मैक्रो इकोनॉमिक्स, फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स जैसी इसकी किसी उपशाखा में विशेषज्ञता अर्जित कर सकते हैं.

इस विषय के लिये क्या खास योग्यता होनी चाहिये

अर्थशास्त्र के छात्रों में मौजूद डाटा का विश्लेषण कर पाने की क्षमता का बेहतर होना जरूरी है. उनमें मैथ्स और स्टैटिस्टिक्स की बुनियादी समझ होनी चाहिए. छात्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के आर्थिक मुद्दों में दिलचस्पी हो. उसकी सोच और उसका व्यवहार समस्याओं के निदान यानी प्रॉब्लम-सॉल्विंग पर ज्यादा होना चाहिए, क्योंकि नौकरी के दौरान उसे नयी-नयी समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा. छात्र को आंकड़ों को जानने-समझने में रुचि हो.

कहां मिल सकती है रोजगार का मौका

निजी क्षेत्र की तमाम औद्योगिक इकाइयों, कॉमर्स, साइंस आदि में इस क्षेत्र के पेशेवरों की मांग बनी रहती है. हर साल सरकारी क्षेत्र में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, नीति आयोग, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी, नेशनल सैंपल सर्वे तथा विभिन्न राज्य सरकारों के संबंधित विभागों में बड़ी संख्या में अर्थशास्त्रियों की नियुक्तियां की जाती है. फिक्की, एसोचैम जैसे व्यापारिक संगठन आर्थिक विश्लेषक के रूप में पेशेवरों को नौकरी देने के लिए तैयार रहते हैं.

इंडियन इकोनॉमिक सर्विस के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों में इकोनॉमिक एडवाइजर के तौर पर मौके मिलते हैं. इसमें उपयुक्त प्रत्याशियों के चयन के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करती है. इस परीक्षा में अर्थशास्त्र/स्टैटिस्टिक्स विषय में कम से कम मास्टर्स डिग्रीधारक युवा ही शामिल हो सकते हैं.

बहुराष्ट्रीय कंपनियों में मिलता है नौकरी का मौका

अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों को विदेशी संस्थानों जैसे इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड, वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक के अलावा बहुराष्ट्रीय कंपनियों में शानदार मौके मिलते हैं. इनकी नियुक्तियां अर्थशास्त्री, एनालिस्ट, कंसल्टेंट आदि रूपों में होती हैं. आरबीआइ के विभिन्न पदों पर 21-28 आयु वर्ग के अर्थशास्त्रियों के लिए समय-समय पर भर्तियां निकलती रहती हैं. नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक्स रिसर्च, नयी दिल्ली, इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च में भी उज्ज्वल भविष्य है. अर्थशास्त्र में एमए करने के बाद पीएचडी की डिग्री लेकर किसी भी कॉलेज और विश्वविद्यालय में लेक्चरर बना जा सकता है या विश्वविद्यालय स्तर की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा टेस्ट के बाद असिस्टेंट प्रोफेसर बना जा सकता है. अर्थशास्त्र में बीएड करने के बाद सरकारी या निजी स्कूल में टीचर के तौर पर भी अवसर मिलेंगे.

पेशेवर के तौर पर मिलती है आकर्षक सैलरी

आमतौर पर सरकारी सेवा में कार्यरत अर्थशास्त्री को प्रतिमाह 20-25 हजार रुपये मिलते हैं. एक-दो साल के अनुभव के बाद यह वेतन 30-35 हजार रुपये प्रतिमाह तक पहुंच जाती है जबकि निजी क्षेत्र में यह कंपनी पर निर्भर करता है.

प्रमुख संस्थान जहां होती है अर्थशास्त्र की पढ़ाई

  • श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स
  • सेंट स्टीफेंस कॉलेज
  • लेडी श्रीराम कॉलेज
  • मिरिंडा हाउस
  • सेंट जेवियर कॉलेज, कोलकाता
  • लोयोला कॉलेज, चेन्नई
  • क्रिस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरू
  • प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी, कोलकाता
  • मद्रास क्रिस्टियन कॉलेज, चेन्नई

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