Kargil Vijay Diwas पर संजीव कपूर बनाएंगे ”तिरंगा खीर”, ये रहा Menu

द्रास (जम्मू कश्मीर) : करगिल युद्ध के नायकों को विशेष श्रद्धांजलि देने के लिए जाने-माने शेफ संजीव कपूर और उनकी टीम ‘तिरंगा खीर’ बनाएगी. दरअसल, शहीदों के परिवारों, सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए युद्ध क्षेत्र में ‘बड़ाखाना’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ‘तिरंगा खीर’ होगी. ‘मिशन टेस्ट ऑफ करगिल’ शुक्रवार को करगिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2019 10:15 PM

द्रास (जम्मू कश्मीर) : करगिल युद्ध के नायकों को विशेष श्रद्धांजलि देने के लिए जाने-माने शेफ संजीव कपूर और उनकी टीम ‘तिरंगा खीर’ बनाएगी. दरअसल, शहीदों के परिवारों, सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए युद्ध क्षेत्र में ‘बड़ाखाना’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें ‘तिरंगा खीर’ होगी.

‘मिशन टेस्ट ऑफ करगिल’ शुक्रवार को करगिल विजय दिवस से पहले शहीदों के परिजनों, पूर्व सैनिकों, सेवारत सैनिकों, वीर नारियों (सैनिकों की विधवाएं), वीरता पुरस्कार के विजेताओं समेत 500 लोगों को रात्रि भोज का आयोजन कर रहा है.

कपूर ने कहा, इस पहल का मकसद, करगिल जंग के वीरों को श्रद्धांजलि देना है. हम ऐसे वीरों के परिवारों के साथ भोजन के जरिये रिश्ता कायम करने की कोशिश कर रहे थे. मेरा मिशन इस युद्ध क्षेत्र में लोगों के लिए खुशी लाना है.

उन्होंने कहा, सैनिकों और उनके परिवारों के लिए खाना बनाना मेरी जिंदगी का एक यादगार दिन है. मैं इस पल का लंबे समय से इंतजार कर रहा था.

द्रास सेक्टर में बत्रा ट्रांजिट कैंप पर पद्मश्री से सम्मानित कपूर अपनी नौ सदस्य टीम के साथ रात के भोजन में ‘मखनी पनीर अनारदाना’, ‘हींग धनिया आलू’, ‘लल्ला मूसा दाल’, ‘खड़े मसाले का कुक्कड़’, ‘प्रोटिन पुलाव’, ‘पालक पुरी’, ‘मसाला पुरी’ और विशेष ‘करगिल विजय दिवस खीर’ परोसेंगे.

करगिल युद्ध में जीत की 20वीं सालगिरह के मौके पर तिरंगा खीर बनायी जा रही है. लोकप्रिय शेफ ने कहा, खीर सभी मौकों पर बनायी जाती है, इसलिए मैंने इसे थीम के तौर पर चुना.

इस मौके पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी मौजूद रहेंगे. शेफ कपूर यहां कारगिल युद्ध स्मारक भी जाएंगे, जहां राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख कारगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे होने के मौके पर मौजूद रहेंगे.

साल 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध लड़ा गया था. पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा को पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी और रणनीतिक तौर पर अहम चोटियों पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन विजय’ चला कर उन्हें खदेड़ दिया था.

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