कर्नाटक : येदियुरप्पा ने चौथी बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, 29 को रखेंगे विश्वास प्रस्ताव

बेंगलुरु : कर्नाटक में अचानक हुए एक राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने पक्ष में आंकड़े जुटाने की है. शपथ ग्रहण करने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि हम 29 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2019 7:09 PM

बेंगलुरु : कर्नाटक में अचानक हुए एक राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने पक्ष में आंकड़े जुटाने की है. शपथ ग्रहण करने के बाद येदियुरप्पा ने कहा कि हम 29 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव रखेंगे.

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में येदियुरप्पा के नेतृत्व में स्थिर सरकार बनने का विश्वास जताया. कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार के तीन दिन पहले विश्वास मत हारने के बाद येदियुरप्पा ने शुक्रवार को अकेले शपथ ली. राज्यपाल वजुभाई वाला ने शाम में राजभवन में हुए एक समारोह में 76 वर्षीय येदियुरप्पा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी. दक्षिण भारत में 2008 में पहली बार भाजपा सरकार बनवाने का श्रेय येदियुरप्पा को जाता है. लिंगायत नेता ने शुक्रवार की सुबह अचानक सरकार गठन का दावा करने की पहल की. एक दिन पहले ही विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस-जदएस के तीन बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया था. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शपथ लेने के बाद बी एस येदियुरप्पा को बधाई दी और विश्वास जताया कि पार्टी राज्य में उनके नेतृत्व में स्थिर, किसान समर्थक और विकासोन्मुखी सरकार देगी.

केंद्रीय गृह मंत्री ने ट्वीट किया, कर्नाटक के नये मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बधाई. मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में भाजपा राज्य में स्थिर, किसान समर्थक और विकासोन्मुखी सरकार देगी. मैं कर्नाटक के लोगों को आश्वास्त करता हूं कि भाजपा उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार गठन पर अचानक बदले घटनाक्रम में येदियुरप्पा ने शपथ ग्रहण करने से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह में उनसे फोन पर बात की और शुक्रवार को उन्हें शपथ लेने के लिए तैयार रहने को कहा. हफ्तों चले राजनीतिक ड्रामा और कानूनी लड़ाई के बाद उन्होंने शपथ ग्रहण किया. राज्य में कांग्रेस और जदएस के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद मंगलवार को गठबंधन की सरकार गिर गयी थी.

मई 2018 में राज्य में येदियुरप्पा की सरकार महज तीन दिन टिक पायी थी जब चुनावों में सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद उन्होंने सरकार बनाने का दावा किया था. लेकिन कांग्रेस-जदएस के बीच गठबंधन होने के कारण वहां कुमारास्वामी के नेतृत्व में सरकार बनी और येदियुरप्पा को तीन दिनों के अंदर ही मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. दिल्ली में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्ष के दावे को खारिज कर दिया कि गठबंधन सरकार को गिराने में उनकी पार्टी ने दल-बदल करवाया. नड्डा ने कहा कि गठबंधन की सरकार अंदरुनी कलह की वजह से गिरी और पार्टी के लिए येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार थे.

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