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मोदी ने विश्वबैंक प्रमुख से कहा,हमें डॉलर नहीं,ज्ञान व विशेषज्ञता चाहिए

नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम से कहा कि भारत को डॉलर के बजाय विचारों, ज्ञान व विशेषज्ञता की जरूरत है. भविष्य को ध्यान में रखकर कुशल लोगों का आधार तैयार करने की जरूरत है. किम व मोदी के बीच यहां हुई बैठक में उन्होंने कहा कि […]

नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम से कहा कि भारत को डॉलर के बजाय विचारों, ज्ञान व विशेषज्ञता की जरूरत है. भविष्य को ध्यान में रखकर कुशल लोगों का आधार तैयार करने की जरूरत है.

किम व मोदी के बीच यहां हुई बैठक में उन्होंने कहा कि गंगा नदी की सफाई विश्वबैंक के लिए काफी प्रेरक परियोजना होगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम विश्वबैंक से विचार चाहते हैं. बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए ही नहीं, लोगों द्वारा उत्पादन के लिए भी. इससे हमारे श्रमबल को फायदा होगा.

बाद में मोदी ने ट्विट किया कि मेरी विश्व बैंक प्रमुख के साथ बैठक लाभदायक रहीं. हमने मिलकर काम करने के लिए कई तरीकों पर विचार किया. स्तर पर काम करने की बात की, ताकि लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके.

उनके जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाया जा सके. हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां गति मायने रखती है. तेजी से क्रियान्वयन जरूरी है. विश्व बैंक की परियोजनाओं की रफ्तार बढ़ाने से निश्चित रूप से प्रभाव बढ़ेगा.

भारत को 18 अरब डॉलर की मदद

विश्व बैंक अगले तीन वर्षो में भारत को 15 से 18 बिलियन डॉलर का वित्तीय सहायता देगा. विश्व बैंक द्वारा दिये गये इस सहायता का उपयोग सरकार गरीबों और कम आय वर्ग के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में करेगी. यह घोषणा विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात के बाद की. किम ने प्रधानमंत्री के साथ हुई मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि नयी सरकार भारत के विकास दर को 9 फीसदी पर ले जाना चाहती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार का पूरा ध्यान संस्थागत ढांचे के विकास के जरिये रोजगार सृजन, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और प्रत्येक वर्ष 8 मिलियन युवाओं का कौशल विकास करना है, ताकि वे प्रशिक्षित होकर रोजगार पा सकें. किम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वैसे 10 मिलियन लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है, जो अपने गांव को छोड़ कर महानगरों एवं छोटे शहरों में रोजगार की तलाश में आते हैं.

गंगा की सफाई प्राथमिकता

किम ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत में गंगा की सफाई का मुद्दा भी उठा. गंगा सफाई के लिए विश्व बैंक ने पहले ही एक बिलियन डॉलर की राशि दी है. आगे जैसे-जैसे काम बढ़ेगा, पैसे की कोई समस्या नहीं होगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फंड के साथ ही रोजगार सृजन, संस्थागत ढांचे एवं कौशल विकास के क्षेत्र में विश्व के अन्य देशों में अपनाये जा रहे तौर तरीकों के विषय में जानकारी बांटने के प्रति ज्यादा उत्सुक हैं. भारत अपनी पूर्ण आर्थिक क्षमता के विकास के लिए सुधार लाने को उत्सुक है. किम ने भारत के 270 मिलियन लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने के लिए विभिन्न दानदाताओं ने सहयोग दिलाने का भरोसा दिलाया.

मोदी से प्रभावित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए किम ने कहा कि हम उनसे बहुत प्रभावित हैं और उम्मीद करते हैं कि विश्व बैंक समूह भारत के तीव्र, सतत और समेकित विकास को तीव्र करने के लिए हरसंभव मदद करेगा, ताकि आर्थिक विषमता दूर हो सके और ग्रामीण एवं शहरी आबादी के बीच का अंतर पाटा जा सके. किम ने अपने तीन दिवसीय यात्र में तमिलनाडु का दौरा भी किया और मुख्यमंत्री जयललिता के साथ मिल कर वहां विश्व बैंक द्वारा गरीबी कम किये जाने के लिए किये जा रहे कार्यो का निरीक्षण किया.

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