कर्नाटकः तो क्या भाजपा को समर्थन देगी जेडीएस? 29 जुलाई को बहुमत साबित करेंगे येदियुरप्‍पा

बेंगलुरूः कर्नाटक की सियासत में मचा घमासान बीएस येदियुरप्पा द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भी थमता नहीं दिख रहा है. शुक्रवार रात के बाद राज्य की राजनीति में बड़ा मोड़ सामने आया है. कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के नेता भले ही एचडी कुमारस्वामी सरकार गिराने के लिए बीजेपी को दोषी ठहरा रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2019 11:19 AM

बेंगलुरूः कर्नाटक की सियासत में मचा घमासान बीएस येदियुरप्पा द्वारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद भी थमता नहीं दिख रहा है. शुक्रवार रात के बाद राज्य की राजनीति में बड़ा मोड़ सामने आया है. कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के नेता भले ही एचडी कुमारस्वामी सरकार गिराने के लिए बीजेपी को दोषी ठहरा रहे हों, लेकिन अब खबर है कि जेडीएस विधायकों ने एचडी कुमारस्वामी से बीजेपी को समर्थन करने की अपील की है.

शुक्रवार रात हुई बैठक में जेडीएस के विधायकों के बीच मतभेद नजर आया. बैठक के दौरान जेडीएस में दो गुट सामने आए हैं, जिनमें से एक गुट विपक्ष में बैठने को तैयार है, जबकि दूसरे ने भाजपा से समर्थन बढ़ाने की मांग की है. दूसरे गुट का कहना है कि या तो भाजपा के साथ गठबंधन किया जाए या फिर बाहर से समर्थन दिया जाए. उनका कहना है कि तीन साल तक सरकार बचाने की जरूरत है.

हालांकि, विधायकों ने आखिरी फैसला कुमारस्वामी पर छोड़ दिया है. कुमारस्वामी ने इस पर विचार के लिए समय मांगा है. विधायकों का कहना है कि कुमारस्वामी जो भी निर्णय लेंगे, वह उन्हें मान्य होगा. भले ही भाजपा की सरकार बन गई हो, लेकिन चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई है.

बहुमत से दूर भाजपा!

मुख्यमंत्री येदियुरप्पा सदन में 29 जुलाई को बहुमत साबित करेंगे. सदन की ताकत अभी भी 222 सदस्य की है और भाजपा की सरकार बनाने के लिए 112 विधायकों की जरूरत होगी. एक निर्दलीय सहित 106 विधायकों के साथ भाजपा अभी भी बहुमत से दूर है. अगर बागी विधायकों (14) का इस्तीफा स्वीकार होता है या ये विधायक अयोग्य घोषित होते हैं, तो भाजपा फ्लोर टेस्ट पास कर जाएगी.

हालांकि, इसके बाद उसके लिए सिर दर्द उपचुनाव होगा. उपचुनाव के बाद बहुमत हासिल करने के लिए उसे कम से कम आठ सीटों की आवश्यकता होगी. यानी भाजपा को उपचुनावों में अपने दम पर जीत हासिल करनी होगी.

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