नयी दिल्लीः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के दौरे से लौटने के तत्काल बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की गयी है. गृह मंत्रालय से मंजूरी के बाद कुछ कंपनियां कश्मीर पहुंच गयीं हैं. अन्य कंपनियां जल्द से जल्द घाटी पहुंचेंगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने का अभियान मजबूत होगा. साथ ही, राज्य में कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने में मदद मिलेगी.
On 25th July, Ministry of Home Affairs issued an order for deployment of additional 100 Coys of Central Armed Police Forces (CRPF, BSF, SSB and ITBP) in J&K, in order to strengthen the counter-insurgency (CI) grid and for maintaining law and order situation in the state. https://t.co/RG6ugLTvSy
— ANI (@ANI) July 27, 2019
इस बीच सरकार के इस फैसले का राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि केंद्र के फैसले ने घाटी में भय का वातावरण पैदा कर दिया है. उन्होंने लिखा, ‘घाटी में अतिरिक्त 10 हजार जवान तैनात करने का केंद्र का फैसला लोगों के मन में भय पैदा कर रहा है. कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू-कश्मीर की समस्या राजनीतिक है जिसे सैन्य संसाधनों से नहीं सुलझाया जा सकता है. भारत सरकार को दोबारा सोचने और अपनी नीति बदलने की जरूरत है.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अभी राज्यपाल शासन है. इससे पहले 24 फरवरी को देशभर से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को कश्मीर भेजा गया था. अमरनाथ यात्रा की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था पर भी महबूबा मुफ्ती ने विरोध जताया था.