नयी दिल्लीःप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वर्ल्ड टाइगर डे पर बाघों की संख्य पर रिपोर्ट जारी की. नयी दिल्ली में आयोजित एक खास कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने ऑल इंडिया टाइगर एस्टिमेशन 2018 रिपोर्ट जारी किया. इस रिपोर्ट को जारी करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने शेरों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया है.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi releases All India Tiger Estimation 2018 on #InternationalTigerDay. pic.twitter.com/4y6iemCLzS
— ANI (@ANI) July 29, 2019
उन्होंने कहा कि इस सेंसस में जो आंकड़े आए हैं वह हर भारतीय को एक सुखद अनुभूति देंगे. पीएम मोदी ने बताया कि तीन चौथाई टाइगर हमारे देश में है. देश में कुल बाघों की संख्या 2967 है.यानी 2014 के मुकाबले इनकी संख्या में 741 की बढ़ोत्तरी हुई है. 2014 में देश में कुल 2226 बाघ थे. हालांकि बाघों की घटती संख्या देश के लिए चिंता है. पीएम मोदी ने कहा कि कई देशों में बाघ आस्था का प्रतीक हैं. उन्होंने कहा कि अगर बाघों की संख्या में इजाफा होगी तो पर्यटन भी बढ़ेगा.
मैं इस क्षेत्र से जुड़े लोगों से यही कहूंगा कि जो कहानी ‘एक था टाइगर’ के साथ शुरू होकर ‘टाइगर जिंदा है’ तक पहुंची है, वो वहीं न रुके। केवल टाइगर जिंदा है, से काम नहीं चलेगा। Tiger Conservation से जुड़े जो प्रयास हैं उनका और विस्तार होना चाहिए, उनकी गति और तेज की जानी चाहिए: PM
— PMO India (@PMOIndia) July 29, 2019
कहा कि बाघों के संरक्षण पर काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि आज से नौ साल पहले सैंट पीटर्सबर्ग में 2022 तक शेरों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया था. लेकिन भारत की ओर से इस मामले में गंभीर प्रयास किए गए हैं.
इसका प्रमाण यह है कि हमने यह लक्ष्य 4 साल पहले ही पूरा कर लिया है. पीएम मोदी ने कहा कि आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारे पास तीन हजार बाघ हैं. बीते पांच साल में टाइगर रिजर्व पार्कों की संख्या 692 से 860 कर ली है. भारत बाघों के लिए सुरक्षित स्थान हैं.
ऐसे की गई बाघों की आबादी की गणना
पूरे देश में करीब 3.81 लाख वर्ग किमी जंगलों में सर्वे किया गया. वन विभाग के कर्मचारी 5.33 लाख किमी पैदल चले. 3.17 लाख हैबिटाट से बाघों का मल जमा किया गया. देश भर में 141 स्थानों पर 26,838 कैमरा ट्रैप लगाए गए. इन कैमरों की वजह से 1.21 लाख वर्ग किमी इलाका कवर हुआ. इन कैमरों से 3.48 करोड़ फोटोग्राफ मिले. इन तस्वीरों में से 76,651 फोटो बाघों के थे और 51,777 तस्वीरें लेपर्ड के हैं. इस पूरे सर्वे को पूरा करने में करीब 11 करोड़ रुपए खर्च किए गए. यह दुनिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ सर्वे है.