नयी दिल्ली: देश की पहली महिला विधायक, सर्जन, शिक्षक और समाज सुधारक मुथुलक्ष्मी रेड्डी का आज जन्मदिन है. इनकी 133वीं जयंती के मौके पर ट्रिब्युट देते हुए गुगल ने इनका डूडल बनाया है. ये भारत और यहां की महिलाओं के लिए बहुत गर्व की बात है.
गौरतलब है कि मुथुलक्ष्मी रेड्ड़ी का जन्म 30 जुलाई साल 1886को तमिलनाडू में हुआ था. किशोरी होने पर काफी कम उम्र में ही परिवार उनका विवाह करवा देना चाहता था लेकिन उन्होंने पढ़ने का फैसला किया. मुथुलक्ष्मी ने पहले तमिलनाडू के महाराजा कॉलेज से पढ़ाई की और बाद में मद्रास मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने वाली पहली महिला बनीं. इस समय देश में औपनिवेशिक शासन था. मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मुथुलक्ष्मी ने अस्पताल में सर्जन के तौर पर काम करना शुरू किया.
देश की पहली महिला विधायक बनीं
बाद में मुथुलक्ष्मी राजनीति में आईं और सामाजिक सुधार कार्यों को खूब बढ़ावा दिया. साल 1918 में डॉ. मुथुलक्ष्मी ने महिला इंडियन एसोसिएशन की स्थापना करने में सहयोग दिया और मद्रास विधानसभा में विधायक चुनी गईं जहां उन्होंने मांग की कि विवाह की तय उम्र को बढ़ाया जाए और नाबालिग विवाह को रोका जाय. बच्चियों के साथ होने वाले शोषण के खिलाफ भी उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की. उन्होंने विधानपरिषद् से आग्रह किया कि अनैतिक तस्करी नियंत्रण अधिनियम और देवदासी प्रथा उन्मूलन विधेयक पारित करवाने का आग्रह किया.
1954 में की कैंसर अस्पताल की स्थापना
कहा जाता है कि उनकी बहन की मृत्यु कैंसर की वजह से हो गयी थी. बहन को बढ़िया इलाज नहीं मिल पाने का दर्द उन्हें सालता रहा. डॉक्टर होने के नाते उन्होंंने कैंसर के मरीजों की सहायता करने का फैसला किया. साल 1954 में डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी ने चेन्नई में कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना की. वर्तमान में ये दुनिया के सबसे बड़े कैंसर अस्पतालों में से एक है. यहां प्रत्येक वर्ष हजारों मरीजों का इलाज किया जाता है.
राज्य 30 जुलाई को मनाता है हॉस्पिटल डे
साल 1956 में सामाजिक सुधार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने मुथुलक्ष्मी को पद्मभूषण से सम्मानित किया. 22 जुलाई 968 में 81 साल की उम्र में डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी का निधन हो गया. आज इनकी 133वीं जयंती है इसलिए इनको सम्मान देते हुए गुगल ने इनका डूडल बनाया है. उल्लेखनीय है कि तमिलनाडू हर साल 30 जुलाई को ‘हॉस्पिटल डे’ के तौर पर मनाता है.