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2जी मामला : ए राजा और अन्य को बरी करने के खिलाफ सीबीआई की अपील पर जल्द सुनवाई से कोर्ट का इनकार

नयी दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य को बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर जल्द सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया. अदालत सीबीआई के उस आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मामले की […]

नयी दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य को बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर जल्द सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया. अदालत सीबीआई के उस आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मामले की सुनवाई और इसके लिए तय तारीख 24 अक्टूबर से पहले करने का अनुरोध किया गया था.

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न्यायमूर्ति एके चावला ने कहा कि मामले की सुनवाई पहले से तय की गयी तारीख पर ही की जायेगी और सभी पक्षों से अपेक्षा की जाती है कि वे सुनवाई के दौरान मौजूद रहेंगे. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि इस पर जल्द सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि देश द्विपक्षीय निवेश संधियों के तहत बड़ी संख्या में पंचाट का सामना करने वाला है.

उन्होंने कहा कि अगर हम गुण-दोष के आधार पर हारते हैं, तो कोई बात नहीं, लेकिन हमें इस वजह से नहीं हारना चाहिए कि मामला सुना ही नहीं गया. उन्होंने कहा कि पिछले साल मार्च में अपील दायर हुईं और उन पर सुनवाई किसी न किसी कारण से स्थगित की गयी. नतीजतन, अब कई मध्यस्थता मामले देखे जा रहे हैं. इस मामले में बरी हुए आरोपी लोगों और कंपनियों के वकीलों ने इसका विरोध किया.

विशेष अदालत ने 21 दिसंबर, 2017 को ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई तथा अन्य को घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी के मामलों में बरी कर दिया था. अदालत ने ईडी मामले में द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, फिल्म निर्माता करीम मोरानी, कलैनार टीवी के निदेशक शरद कुमार सहित 17 अन्य को बरी किया था. इसी दिन अदालत ने पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्ववर्ती निजी सचिव आरके चंदोलिया, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (आरएडीएजी) के शीर्ष तीन अधिकारियों गौतम दोषी, सुरेंद्र पिपरा और हरि नायर को सीबीआई के 2जी मामले में बरी कर दिया था.

स्वान टेलीकॉम के प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका तथा ‘कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल को भी सीबीआई के मामले में बरी कर दिया गया था. विशेष अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए ईडी ने 19 मार्च को हाई कोर्ट का रुख किया था. इसके एक दिन बाद सीबीआई ने भी आरोपियों को बरी किये जाने के फैसले को चुनौती दी थी.

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