सानिया मिर्जा खेल जगत का वह नाम है, जिसने भारत का सिर विश्व में ऊंचा किया. टेनिस जैसे खेल में जहां भारत की उपस्थिति नगण्य थी, वहां सानिया ने भारत का परचम लहराया. हैदराबाद के एक मुस्लिम परिवार की लड़की सानिया मिर्जा ने तमाम फतवों और विरोधों के बावजूद टेनिस खेलना जारी रखा और देश को गौरवान्वित किया.
सानिया विवादः जावड़ेकर ने गौरव, तो रवि शंकर ने सानिया को भारत की बेटी बताया
बावजूद इसके आज जिस तरह का विवाद उन्हें तेलंगाना का ब्रांड एंबेसेडर बनाये जाने पर उत्पन्न हुआ है, क्या वह होना चाहिए था? यह सवाल आज इसलिए लाजिमी है क्योंकि तेलंगाना सरकार द्वारा उन्हें प्रदेश का ब्रांड एंबेसडर बनाये जाने पर भाजपा नेता के लक्ष्मण ने आपत्ति जतायी है. के लक्ष्मण का तर्क यह है कि चूंकि सानिया पाकिस्तान की बहू हैं, इसलिए उन्हें तेलंगाना का ब्रांड एंबेसडर नहीं बनाया जाना चाहिए.
भाजपा नेताओं ने दिये विभिन्न बयान
सानिया को ब्रांड एंबेसडर बनाये जाने के बाद भाजपा के किसी भी बड़े नेता ने इस घोषणा की निंदा नहीं की. सभी ने यही कहा कि सानिया का देश के लिए योगदान अहम है, उसे भुलाया नहीं जा सकता है. प्रकाश जावडेकर और रविशंकर प्रसाद जैसे नेताओं ने भी सानिया की प्रशंसा की है.
शादी के बाद भी भारत की नागरिक हैं सानिया
सानिया मिर्जा ने पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मल्लिक से शादी की है, लेकिन वे अभी भी भारत की ओर से टेनिस खेलती हैं. शादी के बाद भी उन्होंने टेनिस भारत के लिए ही खेला है, इसलिए उनकी देशभक्ति पर प्रश्नचिह्न लगाना सही नहीं है. हमारे देश में यह परंपरा है कि शादी के बाद लड़कियां अपने ससुराल चली जाती हैं, लेकिन ससुराल चले जाने से उसका संबंध अपने परिवार से नहीं टूटता. इस नजरिये से भी सानिया के लिए हिंदुस्तान कभी पराया नहीं हो सकता.
बाहरी बताये जाने पर दुखी हैं सानिया
सानिया मिर्जा खुद को बाहरी बताये जाने से दुखी हैं. उनका कहना है कि मैं मरते दम तक भारतीय रहूंगी. इस बयान में सानिया की वह पीड़ा नजर आ रही है, जो अपनों द्वारा नकारे जाने पर होती है.