जबलपुर : मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उनके भोपाल लोकसभा सीट से हाल ही में हुए निर्वाचन को चुनौती देने वाली दायर याचिका पर बृहस्पतिवार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है.
भोपाल के पत्रकार राकेश दीक्षित द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के न्यायधीश जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने प्रज्ञा को यह नोटिस जारी किया है और उनसे चार सप्ताह में जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि राकेश दीक्षित ने एक मतदाता की हैसियत से चुनावी याचिका दायर कर प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव को चुनौती दी है और आरोप लगाया गया है कि प्रज्ञा ने चुनाव के दौरान दिये अपने भाषणों से सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काया और चुनाव जीतने के लिए वह भ्रष्ट आचरण में लिप्त थीं.
श्रीवास्तव ने बताया कि याचिका में लगाये गये आरोपों की पुष्टि के लिए प्रज्ञा के भाषण की सीडी और अखबारों में प्रकाशित खबरों की कटिंग भी याचिका के साथ प्रस्तुत की गयी थी. उन्होंने कहा कि याचिका में कहा गया है कि लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ठाकुर ने धार्मिक आधार पर भाषण देकर जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 का उल्लंघन किया है. इसलिए प्रज्ञा के भोपाल संसदीय सीट के हुए निर्वाचन को शून्य घोषित किया जाये. उन्होंने कहा कि इस पर अदालत ने प्रज्ञा को नोटिस जारी कर उनसे चार सप्ताह में जवाब मांगा है. भोपाल लोकसभा सीट से मालेगांव बम धमाकों की आरोपी प्रज्ञा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को 3,64,822 मतों से पराजित किया था.