श्रीनगर : अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे की खुफिया सूचना के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के लिए अडवाइजरी जारी की है. सरकार ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से कश्मीर घाटी में अपने ठहराव और यात्रा की अवधि कम करने को कहा है. इतना ही नहीं, अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जितना जल्दी हो सके कश्मीर घाटी से लौटने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है.
जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रटरी (होम) की तरफ से जारी सिक्यॉरिटी अडवाइजरी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों से यात्रा की अवधि कम करने और जल्द से जल्द लौटने को कहा गया है. खराब मौसम की वजह से जम्मू रूट से अमरनाथ यात्रा को 4 अगस्त तक के लिए निलंबित कर दिया गया है. बता दें कि अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त तक चलनी है. इसके लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गये हैं.
इस बीच, सुरक्षा बलों ने अमरनाथ यात्रा मार्ग से पाकिस्तान में बनी बारूदी सुरंग और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किये हैं. सेना ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने यहां सुरक्षा बलों के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि खुफिया जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान के आतंकवादी आईईडी का इस्तेमाल करके यात्रा को निशाना बना सकते हैं और श्रद्धालुओं पर हमला कर सकते हैं. इसके बाद यात्रा मार्ग पर खोजी अभियान चलाया गया था. उन्होंने कहा कि बलों द्वारा अमरनाथ यात्रा मार्ग पर चलाये गये बड़े अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं. इनमें पाकिस्तान आयुध फैक्ट्री के ठप्पे वाली एक बारूदी सुरंग और अमेरिकी एम-24 स्नाइपर राइफल भी शामिल है.
ढिल्लों ने उस स्थान के बारे में स्पष्ट रूप से बताने से इनकार किया जहां से हथियार बरामद किये गये क्योंकि तलाशी अभियान अब भी जारी है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में आईईडी का खतरा अंदरूनी भागों में अधिक है, जबकि नियंत्रण रेखा पर स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण बनी हुई है. अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन सेना एलओसी पर उनके प्रयासों को नाकाम कर रही है. घाटी में अतिरिक्त जवान भेजने संबंधी खबरों पर, जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सुरक्षाकर्मी चुनावों तथा अन्य के कारण से सालभर नियमित ड्यूटी पर रहते हैं और उनके पास आराम करने का समय नहीं होता. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा हिंसा बढ़ाने का ताजा इनपुट मिला है जिसके लिए जमीन पर जवाबी खुफिया ढांचा मजबूत करने की जरूरत है. सिंह ने यह बताने से इनकार किया कि कितनी संख्या में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जा रही है. उन्होंने कहा कि वे मोर्चे पर तैनात जवानों को कुछ आराम करने का समय देंगे और सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करेंगे.