कांग्रेस ने कहा – जम्मू-कश्मीर में डर का माहौल, संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जाये
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के लिए जारी परामर्श एवं अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की पृष्ठभूमि में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर से संबंधित नीति नियोजन समूह की बैठक हुई जिसमें राज्य के हालात पर चिंता जताते हुए कहा गया कि इस प्रदेश को मिली संवैधानिक […]
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के लिए जारी परामर्श एवं अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की पृष्ठभूमि में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस के जम्मू-कश्मीर से संबंधित नीति नियोजन समूह की बैठक हुई जिसमें राज्य के हालात पर चिंता जताते हुए कहा गया कि इस प्रदेश को मिली संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जानी चाहिए.
कांग्रेस पार्टी के जम्मू-कश्मीर नीति नियोजन समूह की बैठक के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बयान में कहा कि हालिया घटनाक्रमों से राज्य के लोगों में असुरक्षा और डर का माहौल पैदा हो रहा है. आजाद ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की ओर से निरंतर आ रही रिपोर्ट को लेकर गहरी चिंता है. इनसे सरकार के इरादे को लेकर अफरा-तफरी और चिंता पैदा हो रही है. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था करने, अमरनाथ यात्रा में कटौती करने, पर्यटकों, तीर्थ यात्रियों और दूसरे लोगों के लिए परामर्श जारी करने से गहरी असुरक्षा और डर का माहौल पैदा हो रहा है.
आजाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के जम्मू-कश्मीर नीति नियोजन समूह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक की जिसमें राज्य के लोगों के बीच पैदा हुई चिंता को लेकर चर्चा की गयी. आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के बीच यह चिंता है कि सरकार अनुच्छेद 35ए और 370 को खत्म करने का इरादा रखती है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी के समूह ने यह मत भी जाहिर किया कि जम्मू-कश्मीर को दी गयी संवैधानिक गारंटी बरकरार रखी जाये. इससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जम्मू-कश्मीर में मौजूद अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जल्द से जल्द से राज्य से बाहर निकलने से जुड़े सरकारी परामर्श का विषय शुक्रवार को सदन में उठाया और कहा कि सरकार को सदन में इस पर बयान देना चाहिए.
सदन में बांध सुरक्षा विधेयक पर चर्चा के बीच में इस विषय को उठाते हुए चौधरी ने कहा कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को लेकर सरकार की ओर से कोई परामर्श जारी किया गया है. हमारी मांग है कि सरकार इस बारे में यहां जवाब दे. पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि चर्चा होने दीजिए, इस पर बाद में देखते हैं. इसके बाद उन्होंने चर्चा को आगे बढ़ाया. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को घाटी में रहने की अवधि में कटौती करने का परामर्श जारी किया है. सरकार ने पर्यटकों, अमरनाथ यात्रियों को सलाह दी है कि वे जल्द से जल्द घाटी से लौटने के लिए जरूरी कदम उठायें.