जम्मू-कश्मीर में हलचल : महबूबा बोलीं क्या हो रहा है कोई बताने को तैयारी नहीं
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में जारी हलचल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को संवादताओं के साथ बातचीत में कहा कि राज्य में घबराहट को माहौल है. कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर यहां क्या चल रहा है. महबूबा ने कहा, हमने इस देश के लोगों को समझाने का प्रयास […]
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में जारी हलचल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को संवादताओं के साथ बातचीत में कहा कि राज्य में घबराहट को माहौल है. कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर यहां क्या चल रहा है.
महबूबा ने कहा, हमने इस देश के लोगों को समझाने का प्रयास किया था कि अगर 35A या 370 से छेड़छाड़ करेंगे तो इसके परिणाम होंगे. हमने अपील भी की है, लेकिन केंद्र की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है. वो ये भी नहीं कह रहे हैं कि सबकुछ ठीक हो जाएगा.
उन्होंने आगे कहा, यहां की राजनीतिक पार्टियों ने आज एक होटल में बैठक करने का फैसला लिया है, लेकिन पुलिस ने अडवाइजरी जारी की है कि होटल में कोई राजनीति क बैठक नहीं की जाए. इसलिए शाम में मेरे आवास पर बैठक होगी.इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक बैठक की. समझा जाता है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
घंटे भर चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. एक अधिकारी ने बताया कि समझा जाता है कि बैठक में जम्मू कश्मीर के हालात पर चर्चा की गई. हालांकि बैठक में वास्तव में क्या चर्चा हुई, इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं मिल पाई है.
Mehbooba Mufti, PDP: The political parties here had decided to hold a meeting, at a hotel today. But police has issued an advisory to all hotels not to let political parties hold any meeting in hotels. So we're holding a meeting at 6 pm today at my home. https://t.co/Y8J5OcHxE8
— ANI (@ANI) August 4, 2019
पिछले हफ्ते जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी. राज्य का प्रशासन राष्ट्रपति शासन के तहत है. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकी खतरे का जिक्र करते हुए वार्षिक अमरनाथ यात्रा बीच में ही रोकने और तीर्थयात्रियों तथा पर्यटकों को कश्मीर घाटी खाली करने का आदेश दिया था.
एनआईटी, श्रीनगर में पढ़ रहे दूसरे राज्यों के छात्रों को भी परिसर खाली करने और घर लौटने को कहा गया है. उन्हें अगले आदेश तक नहीं लौटने को कहा गया है. अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती एवं अन्य कदम उठाये जाने के बाद यह अफवाह है कि केंद्र की योजना ‘अनुच्छेद 35 ए’ को खत्म करने की हो सकती है. यह अनुच्छेद राज्य के बाशिंदों को सरकारी नौकरियों और भूमि पर विशेष अधिकार देता है.