#Article370 (1) क्या है, जिसे खत्म नहीं किया गया…
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से धारा 370 पूरी तरह से हटायी नहीं गई है. तीन भागों में बंटे धारा 370 का सिर्फ भाग 2 और 3 हटाया गया है. राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह के बयान के मुताबिक 370(1) बाकायदा कायम है. 370(1) में यह प्रावधान है कि जम्मू और कश्मीर की सरकार से सलाह […]
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर से धारा 370 पूरी तरह से हटायी नहीं गई है. तीन भागों में बंटे धारा 370 का सिर्फ भाग 2 और 3 हटाया गया है. राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह के बयान के मुताबिक 370(1) बाकायदा कायम है.
370(1) में यह प्रावधान है कि जम्मू और कश्मीर की सरकार से सलाह करके राष्ट्रपति के आदेश से संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों को जम्मू और कश्मीर पर लागूकियाजा सकता है. संविधानमें प्रदत्त इन्हीं शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपतिकेआदेश से धारा 370 की तमाम धाराओं को खत्म किया गया है.
ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर में तनावपूर्ण हालात के बीच सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 35A और 370 (Article 35A and Article 370) को हटाने का एलान किया है.
भाजपा लंबे समय से धारा 370 और 35A का विरोध करती रही है. भारतीय संविधान की ये धाराएं जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देती हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में इसकी घोषणा की है.
धारा 370 हटाने को लेकर जारी किये गए गजट नोटिफिकेशन की खास बातें जान लें-
संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति, जम्मू और कश्मीर राज्य सरकार की सहमति से निम्नलिखित आदेश दिये हैं-
- इस आदेश का नाम संविधान (जम्मू और कश्मीर पर लागू) आदेश 2019 है.
- यह तुरंत प्रवृत्त होगा और इसके बाद यह समय-समय पर यथा संशोधित संविधान (जम्मू और कश्मीर पर लागू) आदेश, 1954 का अधिक्रमण करेगा.
जम्मू-कश्मीर पर सरकार के बड़े फैसले-
- जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पत्र पेश
- जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया गया
- दो हिस्सों में बंटेगा जम्मू-कश्मीर राज्य
- लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग किया गया
- जम्मू-कश्मीर भी केंद्र शासित प्रदेश बनेगा
- जम्मू-कश्मीर विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश
- लद्दाख बिना विधानसभा के अलग केंद्र शासित प्रदेश
- जम्मू-कश्मीर पर संसद में सरकार ने बिल पेश किया
- जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक स्थिति बदलने के लिए बिल पेश
Article 370 को जानें-
- जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्त राज्य का दर्जा
- संसद के पास कानून बनाने के सीमित अधिकार
- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को दोहरी नागरिकता
- जम्मू-कश्मीर में अलग संविधान, अलग झंडा
- विधानसभा का कार्यकाल 5 की बजाय 6 साल का
- न तो आरक्षण, न ही न्यूनतम वेतन का कानून