जम्मू कश्मीर की स्थिति सामान्य होने पर उसे फिर से मिल जाएगा राज्य का दर्जा : अमित शाह

नयी दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में आश्वासन दिया कि जम्मू कश्मीर को केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने का कदम स्थायी नहीं है तथा स्थिति समान्य होने पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. शाह ने उच्च सदन में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के लिए लाये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2019 7:26 PM

नयी दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में आश्वासन दिया कि जम्मू कश्मीर को केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने का कदम स्थायी नहीं है तथा स्थिति समान्य होने पर राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा.

शाह ने उच्च सदन में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के लिए लाये गये संकल्प पर चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही. इस संकल्प में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर जम्मू कश्मीर को विधायिका वाला केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने का प्रावधान है.

विपक्ष ने राज्य का दर्जा लिये जाने के कदम का काफी विरोध किया था. गृह मंत्री ने विपक्ष की इन आपत्तियों की चर्चा करते स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर में जैसे ही स्थिति सामान्य होगी और उचित समय आयेगा, हम जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दे देंगे.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर ‘देश का मुकुट मणि’ है और बना रहेगा. उन्होंने चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों द्वारा अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य के कोसोवो बनने की आशंकाएं जताये जाने का जिक्र करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि ‘यह कोसोवो नहीं बनेगा.

* जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का मूल कारण अनुच्छेद 370

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का मूल कारण अनुच्छेद 370 है और इसने राज्य को तबाह कर दिया. गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने संबंधी एक संकल्प पर हुयी चर्चा के जवाब में यह टिप्पणी की.

संकल्प में जम्मू कश्मीर राज्य के पुनगर्ठन और जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने का प्रस्ताव किया गया है. शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 ने जम्मू कश्मीर, घाटी और लद्दाख का भारी नुकसान किया.

तीन परिवारों ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को समृद्ध नहीं होने दिया. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 ने जम्मू कश्मीर को तबाह कर दिया और यह राज्य में गरीबी के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि अगर जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 नहीं होता तो घाटी में 41,000 से अधिक लोग अपनी जान नहीं गंवाते.

शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए की वजह से जमीन खरीदने पर रोक लगने के कारण जम्मू कश्मीर में पर्यटन का विकास नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार बढ़ा, फला-फूला, गरीबी घर करती गई, वहां के लोगों को आरोग्य की सुविधा नहीं मिली, वहां पर विकास नहीं हुआ, वहां बेहतर शिक्षा भी नहीं है.

शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए की वजह से जम्मू कश्मीर में कोई उद्योग स्थापित नहीं हो सकता, अनुच्छेद 370 और 35ए की वजह से घाटी को कोई लाभ नहीं होगा.

Next Article

Exit mobile version