नयी दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर राज्य का पुनर्गठन करने और जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प पेश किया.
इसके विरोध में कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने सदन से वाकआउट किया. राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा समाप्त करने के आदेश के बाद प्रस्ताव पेश करते हुए शाह ने सदन से संकल्प पेश करने की अनुमति मांगी. उन्होंने विपक्षी सदस्यों को अश्वस्त किया कि वह मंगलवार को सदन में चर्चा के लिए विधेयक एवं संकल्प पेश करेंगे और सदन में इसे पेश करने की आज सिर्फ अनुमति मांग रहे हैं. विपक्षी दलों के विरोध के बीच शाह ने कहा, मैं विधेयक को चर्चा एवं पारित होने के लिए मंगलवारको पेश करूंगा. विपक्ष इस पर विस्तृत चर्चा कर सकता है. मैं जवाब देने को तैयार हूं. इस दौरान विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध किया, जबकि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया.
कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम सहित विपक्षी दलों के सदस्य संकल्प पर अपनी बात रखना चाहते थे और इसकी अनुमति नहीं मिलने पर बाद में विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया. गृह मंत्री की ओर से पेश संकल्प में कहा गया है, भारत के राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत इस सदन में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 विचार के लिए भेजा है. इसमें कहा गया है कि 19 दिसंबर 2018 को राष्ट्रपति की अधिघोषणा के बाद जम्मू कश्मीर राज्य विधायिका की शक्ति इस सदन को है. यह सदन जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को विचार के लिए स्वीकार करता है.