अनुच्छेद-370: अपने गिरेबान में झांके पाकिस्तान, जानिए पाक की बौखलाहट पर किसने कही ये बात
नयी दिल्ली: सोमवार को जैसे ही भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाकर उसे केंद्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला किया, दुनियाभर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं. पाकिस्तान तो भारत के इस फैसले से बौखला गया और उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बयान दिया कि भारत ने इस फैसले के लिए गलत […]
नयी दिल्ली: सोमवार को जैसे ही भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाकर उसे केंद्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला किया, दुनियाभर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं. पाकिस्तान तो भारत के इस फैसले से बौखला गया और उसके विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बयान दिया कि भारत ने इस फैसले के लिए गलत वक्त का चुनाव किया है. उन्होंने कहा कि भारत का निर्णय निहायत ही गैरकानूनी और असंवैधानिक है.
पाकिस्तान ने कहा कि वो तमाम वो संभावनाएं तलाश रहा है जिसकी बदौलत जिसके जरिए भारत के इस कदम का अंतर्राष्ट्रीय मंच पर विरोध किया जा सके. यही नहीं, पाकिस्तान ने ये भी कहा कि वो जम्मू-कश्मीर की आवाम के साथ खड़ा है. लेकिन पाकिस्तान शायद अपने ही देश के अंदर अल्पसंख्यकों के साथ होने वाली ज्यादतियों को शायद भूल गया.
पाकिस्तान के खिलाफ उठे विरोध के स्वर
पाकिस्तान ने भारत के फैसले के विरोध में बयान दिया लेकिन अब वहां अल्पसंख्यकों ने पाकिस्तान के खिलाफ विरोध के स्वर तेज कर लिए हैं. संंयुक्त राष्ट्र अमेरिका से संचालित एक ऐसे ही संगठन ‘द वॉयस ऑफ कराची’ के अध्यक्ष नदीम नुसरत ने कहा कि, पाकिस्तान किस बूत कश्मीरी आवाम की हक के लिए लड़ने की बात कर रहा है जबकि उसने खुद ही अपने यहां मुहाजिरों, पश्तूनों और गिलगित-बलूचिस्तान के हजारों नागरिकों के मानवाधिकारों का हनन कर रहा है.
Voice of Karachi, Chairman, Nadeem Nusrat in Washington DC, USA: While Pakistan demands right to a referendum in Kashmir, is it willing to grant the same right to its own disgruntled ethnic minorities? https://t.co/KjrSb6gtCD
— ANI (@ANI) August 6, 2019
नदीम नुसरत ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरी आवाम के लिए जिन अधिकारों की मांग कर रहा है, क्या वो वही समान अधिकार अपने देश के अल्पसंख्यंक समुदाय के नागरिकों को देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान हमारी मांगों और समस्याओं पर ध्यान नहीं देता तब तक उसे कश्मीरियों के लिए बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है.
नदीम नुसरत ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का राग अलापकर वहां जनमत संग्रह कराए जाने की मांग करता है लेकिन क्या वो अपने देश के अंदर असंतुष्ट इलाकों और नागरिकों को समान अधिकार देने के लिए तैयार है?
पाकिस्तान से अलग स्वायत्त ग्रेटर कराची की मांग
द वॉयस ऑफ कराची के अध्यक्ष नदीम नुसरत ने कहा कि पाकिस्तान के मंत्री और उच्चाधिकारी हमेशा कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मुलाकात और संवाद करते रहे हैं. भारत विरोधी गतिविधियों को समर्थन देते रहे हैं तो फिर किस आधार पर आज पाकिस्तान हमारे भारत सरकार के साथ संपर्कों का विरोध करता है. उन्होंने कहा कि हमारा संगठन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों मुजाहिर, पश्तूनों और गिलगित-बलूचिस्तान के नागरिकों के लिए पाकिस्तान से अलग एक स्वायत्त ग्रेटर कराची के निर्माण की मांग करता है.
स्वतंत्रता दिवस से पहले जारी होगा प्रस्तावित संविधान
नदीम नुसरत ने बताया कि उनका संगठन जल्द ही स्वायत्त ग्रेटर कराची के निर्माण के लिए अभियान लांच करने जा रहा है, ताकि लोगों का समर्थन हासिल किया जा सके. उन्होंने बताया कि उनका अभियान 1940 के लाहौर प्रस्ताव और मुजाहिर, पश्तूनों और गिलगित-बलूचिस्तान के नागरिकों की आकांक्षाओं के मुताबिक होगा. उन्होंने बताया कि द वॉयस ऑफ कराची संगठन ने ग्रेटर कराची के निर्माण के लिए नक्शा तैयार कर लिया है. जल्द ही पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस से पहले इसके प्रस्तावित संविधान के मुख्य लेख जारी करेगा.