सुषमा स्वराज के निधन के बाद पत्रकारों को इस बात पर हुआ अफसोस

नयी दिल्ली : पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के निधन पर एक ओर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा था, तो दूसरी तरफ पत्रकारों को अपने किये का अफसोस भी हो रहा था. एक निजी टेलीविजन चैनल पर कई पत्रकारों ने सुषमा को याद करते हुए बुधवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2019 1:54 PM

नयी दिल्ली : पूर्व विदेश मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज के निधन पर एक ओर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा था, तो दूसरी तरफ पत्रकारों को अपने किये का अफसोस भी हो रहा था. एक निजी टेलीविजन चैनल पर कई पत्रकारों ने सुषमा को याद करते हुए बुधवार को स्वीकार किया कि पूर्व विदेश मंत्री के साथ मीडिया ने कुछ ज्यादती कर दी थी.

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दरअसल, मंगलवार देर रात सुषमा स्वराज के निधन के बाद बुधवार को उनके आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वाले नेताओं का तांता लग गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं दिवंगत नेता को श्रद्धा सुमन अर्पित करने उनके आवास पर गये. उनकी बेटी और उनके पति से बातचीत की. इस दौरान प्रधानमंत्री भावुक हो गये. इसी वक्त एक निजी चैनल पर सुषमा स्वराज के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व पर चर्चा कर रहे पत्रकारों ने सार्वजनिक रूप से अपनी गलती स्वीकार की.

एक पत्रकार ने कहा कि सुषमा स्वराज के विदेश मंत्री रहते कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके संबंधों को लेकर कई तरह की बातें हुईं. बार-बार कहा गया कि सुषमा स्वराज सिर्फ रबर स्टांप विदेश मंत्री हैं. सारे फैसले प्रधानमंत्री स्वयं लेते हैं. तमाम देशों की यात्रा प्रधानमंत्री स्वयं करते हैं और विदेश मंत्री को कोई महत्व नहीं मिलता. लेकिन, प्रधानमंत्री ने खुद कई बार कहा था कि सुषमा स्वराज ने भारत की विदेश नीति को नयी ऊंचाइयां दीं.

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पत्रकारों ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने दुनिया के देशों के साथ अपने संबंधों को जिन ऊंचाइयों तक पहुंचाया, वह मुमकिन नहीं होता, यदि सुषमा स्वराज नहीं होतीं. देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकारों ने विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज के मानवीय पहलुओं के बारे में भी विस्तार से बात की. इसी दौरान किसी पत्रकार ने ही कहा कि पत्रकार बिरादरी ने सुषमा स्वराज के साथ कुछ ज्यादती की. नरेंद्र मोदी के साथ उनके संबंधों में खटास की खबरें प्रकाशित करके, प्रसारित करके.

विदेश मंत्री के रूप में सुषमा की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए एक पत्रकार ने याद दिलाया कि इसके पहले किसी अन्य विदेश मंत्री ने इतने उल्लेखनीय काम कभी किये हों, किसी को याद नहीं. कई बार प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्रालय अपने पास ही रखा. एक पत्रकार ने याद दिलाया कि डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में एसएम कृष्णा विदेश मंत्री थे. लेकिन, वह सुषमा स्वराज की तरह लोकप्रिय नहीं थे. बहुत से लोग कई विदेश मंत्रियों के नाम तक नहीं जानते.

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