जब सुषमा ने कहा था-सोनिया पीएम बनीं तो केश कटा दूंगी और …
नयी दिल्ली : भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने वर्ष 2004 में एक बयान दिया था, जिसपर देशभर में हंगामा मच गया था. सुषमा स्वराज ने कहा था, अगर सोनिया गांधी को शपथ दिलाई जाती है तो मैं त्यागपत्र दे दूंगी. ये लड़ाई मैं भिक्षुणी के तौर पर लड़ूंगी. मैं रंगीन वस्त्र उतारकर केवल […]
नयी दिल्ली : भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने वर्ष 2004 में एक बयान दिया था, जिसपर देशभर में हंगामा मच गया था. सुषमा स्वराज ने कहा था, अगर सोनिया गांधी को शपथ दिलाई जाती है तो मैं त्यागपत्र दे दूंगी. ये लड़ाई मैं भिक्षुणी के तौर पर लड़ूंगी. मैं रंगीन वस्त्र उतारकर केवल श्वेत वस्त्र धारण करुंगी. अपने केश कटा दूंगी. जमीन पर सोऊंगी और भूने चने खाऊंगी.’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सोनिया गांधी को संसद में माननीय प्रधानमंत्री कहकर संबोधित करना बिल्कुल भी गंवारा नहीं है.
सुषमा स्वराज ने सोनिया गांधी का यह विरोध उनके विदेशी मूल को लेकर किया था. उस चुनाव में यूपीए का गठन हुआ था और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी थीं. कांग्रेस उस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में 145 सीट के साथ उभरी थी. भाजपा का ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा काम नहीं आया था और वह 138 सीट पर सिमट गयी थी. उस वक्त यह तय माना जा रहा था कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री होंगी, लेकिन सुषमा स्वराज ने विरोध का ऐसा राग छेड़ा कि अंतत: सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री का पद मनमोहन सिंह को सौंप दिया, जबकि राष्ट्रपति भवन से सरकार बनाने के लिए उनके नाम न्यौता तैयार था.
हालांकि बाद में सोनिया और सुषमा के रिश्ते सामान्य ही रहे, उनका विरोध राजनीतिक था, व्यक्तिगत तौर पर उनके बीच कभी विरोध नजर नहीं आया. सुषमा के निधन पर सोनिया गांधी ने उनके पति को लिखे पत्र में उन्हें अद्भुत प्रतिभाशाली बताया.