पाकिस्तान का एक और बौखलाहट भरा कदम, समझौता एक्सप्रेस के बाद अब लाहौर बस सेवा को भी किया बंद

नयी दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले से बौखलाए पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस सेवा को स्थायी तौर पर बंद करने के निर्णय के बाद अब दिल्ली-लाहौर बस सेवा को भी बंद करने का फैसला किया है. शुक्रवार को अमृतसर से बिना किसी यात्री को लिए लाहौर पहुंची बस खाली ही वापस लौट आई. बस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2019 2:39 PM

नयी दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले से बौखलाए पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस सेवा को स्थायी तौर पर बंद करने के निर्णय के बाद अब दिल्ली-लाहौर बस सेवा को भी बंद करने का फैसला किया है. शुक्रवार को अमृतसर से बिना किसी यात्री को लिए लाहौर पहुंची बस खाली ही वापस लौट आई. बस के ड्राइवर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हमें अभी तक बस सेवा बंद किए जाने से संबंधित कोई आधिकारिक या लिखित सूचना पाकिस्तान की तरफ से नहीं मिली है. ड्राइवर ने बताया कि टर्मिनल के अधिकारियों ने मौखिक रुप से हमें इस बारे में सूचित किया.

बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान की तरफ से चलने वाली थार एक्सप्रेस के भी बंद होने की होने की खबरें थी लेकिन ये ट्रेन तीन घंटे की देरी से भारतीय यात्रियों को लेकर सीमा पार अपने अंतिम स्टेशन जीरो प्वाइंट तक पहुंची. पाकिस्तान ने अपने हवाई मार्ग को भी भारतीय जहाजों की उड़ानों के लिए बंद करने का फैसला किया था लेकिन शुक्रवार को अपने बयान से पलटते हुए उसने कहा कि हमारा हवाई मार्ग खुला है.

इससे पहले पाकिस्तान ने दिल्ली-लाहौर के बीच समझौता एक्सप्रेस को भी बंद करने का फैसला किया था. दो दिन पहले अटारी-वाघा सीमा पर पहुंचकर पाकिस्तानी इंजन पायलट और गार्ड ने आगे जाने से मना कर दिया. बाद में अपना गार्ड और ड्राईवर को भेजकर ट्रेन को दिल्ली लाया गया.

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ी है तल्खी

गौरतलब है कि पिछले सात दशक से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को केंद्र सरकार ने हटाने का फैसला किया था. केंद्रीय गृहमंत्री ने बीते सोमवार को इससे संबंधित राज्यादेश और प्रस्ताव संसद में पेश किया था. सरकार का मानना है कि इस अनुच्छेद की वजह से घाटी का विकास अवरुद्ध होता था. चूंकि पाकिस्तान इससे एक विवादित मुद्दा मानता है कि इसलिए वो भारत के फैसले का पुरजोर विरोध कर रहा है. लेकिन भारत ने कहा कि कश्मीर उनका आंतरिक मसला है और इस पर कोई भी फैसला लेने का हक सिर्फ उसका है.

चीन ने भी किया हस्तक्षेप से इंकार

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इस मसले पर राय-मशवरा करने के लिए चीन के दौरे पर गए हैं. हालांकि चीन ने पहले ही कह दिया है कि दोनों देशों को इस मुद्दे को आपसी बातचीत से सुलझाना चाहिए. चीन इस मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर चुका है. वहीं अमेरिका ने भी कहा कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ कोई भी आक्रामक कदम उठाने की बजाय आंतकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने पर ध्यान देना चाहिए. श्रीलंका और मालदीव भी पहले ही इसे आंतरिक मामला बता कर अप्रत्यक्ष तौर पर भारत के फैसले का समर्थन कर चुके हैं.

Next Article

Exit mobile version