श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद सियासी तकरार के बीच घाटी बकरीद का जश्न मनाया गया. कश्मीर घाटी में सोमवार की सुबह मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई, लेकिन कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगे होने के कारण सड़कों से त्योहार की रौनक गायब रही.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू कश्मीर में लोग नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकले. श्रीनगर और शोपियां में प्रमुख मस्जिदों में नमाज अदा की गयी. इधर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल लगातार कश्मीर के अलग-अलग हिस्से में नजर आ रहे हैं. डोभाल आज अचानक लाल चौक, पुलवामा और बेलगाम जैसे इलाकों में पहुंचे और लोगों से मुलाकात की.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्वीट किया कि घाटी के अनेक हिस्सों में ईद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गई. अभी तक किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है. खबरों के अनुसार, अधिकारियों ने विभिन्न मस्जिदों में मिठाइयां भी बांटीं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया कि अनंतनाग, बारामूला, बडगाम, बांदीपुर में बिना किसी अप्रिय घटना के सभी मस्जिदों में शांतिपूर्ण ढंग से ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गई. प्र
वक्ता ने कहा कि जम्मू के ईदगाह में 4,500 से अधिक लोगों ने नमाज अदा की. ईद-उल-अजहा के मौके पर घाटी में प्रतिबंधों में थोड़ी छूट दी गई थी, ताकि लोग त्योहार के लिए खरीदारी कर सकें. बहरहाल, कश्मीर के सबसे बड़े त्योहारों में से एक ईद-उल- अजहा की रौनक इस बार नजर नहीं आ रही है. पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से घाटी में कड़ी सुरक्षा है, आवाजाही पर प्रतिबंध है और संचार सुविधा बंद कर दी गयी है.
इससे घाटी में जनजीवन प्रभावित है. अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन लगातार जम्मू-कश्मीर में स्थिति की समीक्षा कर रहा है. साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रतिबंधों से लोगों को कम से कम परेशानी हो.
इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार ने कश्मीर घाटी में पर्याप्त भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की है और कुछ सामग्री घरों तक पहुंचाए जाने की व्यवस्था करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं.