सोशल मीडिया पर भी कारगिल विजय दिवस की धूम
देशभर में कारगिल विजय की 15वीं वर्षगांठ मनायी जा रही है. राजनेताओं सहित तीनों सेना में इस विजय का जश्न मनाया जा रहा है. पाकिस्तानी सेना को धूल चटाने में अपनी जान गवांने वाले बहादुर सिपाहियों को देश नमन कर रहा है. उनके परिजनों और जवानों के लिए सरकार की ओर से घोषणाएं की जा […]
देशभर में कारगिल विजय की 15वीं वर्षगांठ मनायी जा रही है. राजनेताओं सहित तीनों सेना में इस विजय का जश्न मनाया जा रहा है. पाकिस्तानी सेना को धूल चटाने में अपनी जान गवांने वाले बहादुर सिपाहियों को देश नमन कर रहा है. उनके परिजनों और जवानों के लिए सरकार की ओर से घोषणाएं की जा रही हैं. वहीं सोशल मीडिया भी अपने ढंग से इस जश्न को मना रहा है. सोशल मीडिया पर कारगिल की विजय गाधा से संबंधित तस्वीरें छायी हुर्इ हैं. फेसबुक से लेकर ट्वीटर तक कई ऐसी तस्वीरें अपलोड की गयी हैं, जो कारगिल विजय की कहानी बयां करती हैं.
कारगिल विजय पर ट्वीटर पर दो ट्रेंड और फेसबुक पर एक ट्रेंड हो रहा है. ट्वीटर पर हो रहे दोनों ट्रेंड्स में एक #KargilVijayDiwas और Vijay Diwas दिवस है. वहीं फेसबुक पर Kargil War ट्रेंडिग में है.
15 साल पुरानी तस्वीरें कर रही हैं यादे ताजा
ट्वीटर पर 15 साल पुरानी कारगिल वार की दर्जनों तस्वीरें अपलोड की गयी है. इनमें से एक तस्वीर वर्त्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी है. जिसमें मोदी को कारगिल वार के समय कारगिल में सैनिकों से मुलाकात करते दिखाया गया है. आज भी मोदी ने सेना के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि देश को अपने वीर सिपाहियों पर गर्व है. मोदी ने फेसबुक और ट्वीटर के माध्यम से कारगिल के शहीदों को शत-शत नमन किया है. इसके अलावे विक्रम बत्रा की वह तस्वीर भी अपलोड की गयी है, जिसमें वे कह रहे हैं ‘ये दिल मांगे मोर’.
सरकार की ओर से की गयी घोषणाएं
केन्द्र की मोदी सरकार ने कारगिल विजय की 15वीं वर्षगांठ पर जवानों के लिए कई घोषाणाएं भी की है. रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने आज दिल्ली के इंडिया गेट के पास शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद इंडिया गेट के पास ही वार मेमोरियल बनाये जाने की बात कही है. रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सरकार एक विशाल राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण स्थल के बारे में जल्द फैसला करेगी.
उन्होंने कहा कि युद्ध स्मारक में उन सभी लोगों के नाम लिखे जाएंगे जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी है. हमारा मानना है कि यह जरुरी है. रक्षा मंत्री ने कहा कि हम समझते हैं कि इस स्थल (प्रिसेंज पार्क) के निकट एक बहुत बडे इलाके या फिर इसके नजदीक कहीं और स्मारक के लिए स्थान का चयन किया जाना चाहिए. हम एक या दो दिनों में सैन्य प्रमुखों के साथ इस स्थान का दौरा करेंगे और जल्द फैसला करेंगे.
जेटली ने कहा कि स्मारक के निर्माण में कुछ समय जरुर लगेगा क्योंकि हम एक अच्छा युद्ध स्मारक तथा युद्ध संग्रहालय बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि युद्ध संग्रहालय प्रिसेंज पार्क के निकट बनाया जायेगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि वहां एक बडा भूखंड है और हमें लगता है कि यह युद्ध संग्रहालय के लिए उचित है जिसकी भारत को जरुरत है. विवरण को अंतिम रुप दिए जाने के साथ ही उनको सभी विभागों से मंजूरी लेनी होगी.