अकालतख्त ने सिख नेताओं को रैली रद्द करने को कहा
अमृतसर: तनाव की स्थिति बिगडने से रोकने के प्रयास के तहत अकालतख्त ने आज निर्देश दिया कि हरियाणा में पृथक गुरुद्वारा प्रबंधन समिति बनाने के वहां की सरकार के कदम के विरुद्ध यहां और करनाल में कल आयोजित सिखों का जुलूस रद्द किया जाए. अकालतख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने हरियाणा के सिखों, सत्तारुढ […]
अमृतसर: तनाव की स्थिति बिगडने से रोकने के प्रयास के तहत अकालतख्त ने आज निर्देश दिया कि हरियाणा में पृथक गुरुद्वारा प्रबंधन समिति बनाने के वहां की सरकार के कदम के विरुद्ध यहां और करनाल में कल आयोजित सिखों का जुलूस रद्द किया जाए.
अकालतख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने हरियाणा के सिखों, सत्तारुढ शिरोमणि अकाली दल (बादल) और पूरी सिख बिरादरी को निर्देश दिया कि कल अमृतसर में और करनाल में हरियाणा के सिख नेताओं द्वारा किसी तरह की रैली या जुलूस नहीं करें.
यहां आनन फानन में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में जत्थेदार ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में किसी को भी पंजाब या हरियाणा में जुलूस या रैली निकालने नहीं दिया जा सकता क्योंकि इससे सिख समुदाय में संकट गहरा सकता है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हिंसा को देखते हुए सभी को वहां स्थिति सामान्य करने पर ध्यान देना चाहिए. जत्थेदार ने कहा कि अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड की अगुवाई में एसजीपीसी की एक टीम को स्थिति सामान्य बनाने के लिए सहारनपुर जाने का निर्देश दिया गया है.
हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के बारे में जत्थेदार ने कहा कि दोनों ही पक्षों (हरियाणा के सिख नेताओं और पंजाब के अकाली नेताओं) से वर्तमान समस्या का हल ढूढने के लिए अकाल तख्त बुलाया जाएगा. हरियाणा में पृथक गुरुद्वारा समिति बनाने के बाद यह समस्या पैदा हुई है.
केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह पृथक एसजीपीसी बनाने के लिए जो कानून पारित किया है, उसे वापस ले, लेकिन हरियाणा सरकार ने उस पर ध्यान नहीं दिया. पंजाब सरकार इस कदम को ‘असंवैधानिक’ एवं ‘अवैध’ करार देकर उसका विरोध कर रही है. इस पूरे घटनाक्रम के बाद रविवार को अमृतसर में रैली बुलायी गयी थी.
हरियाणा ने इस कानून को रद्द करने के केंद्र के निर्देश को धत्ता बता दिया था और कहा था कि उसे कानून बनाने का हक है तथा हरियाणा गुरुद्वारा अधिनियम उसके विधायी अधिकारों के तहत पारित किया गया है. उल्टे उसने केंद्र से अपनी चिट्ठी वापस लेने की मांग कर डाली.