पूरा देश मना रहा है 73वां स्वतंत्रता दिवस, लाल किले की प्राचीर से छठी बार देश को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लगातार छठी बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लाल किले से भाषण देंगे. उम्मीद की जा रही कि अपने संबोधन में पीएम जम्मू कश्मीर, सरकार के महत्वपूर्ण फैसले और अर्थव्यवस्था की स्थिति समेत कई मुद्दों पर अपने विचार रखेंगे. देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले […]
दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लगातार छठी बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लाल किले से भाषण देंगे. उम्मीद की जा रही कि अपने संबोधन में पीएम जम्मू कश्मीर, सरकार के महत्वपूर्ण फैसले और अर्थव्यवस्था की स्थिति समेत कई मुद्दों पर अपने विचार रखेंगे. देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से भाषण देने के साथ ही पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बराबरी कर लेंगे. अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने 1998 से 2003 के बीच लगातार छह बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया और स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया था.
राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव ने पांच-पांच बार, मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच बार, मोरारजी देसाई ने दो बार और चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, एचडी देवगौड़ा और इंद्रकुमार गुजराल ने एक-एक बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया है और देश को संबोधित किया है.
3500 छात्राएं व दर्शक ‘नया भारत’ शब्दों की करेंगे रचना
दिल्ली में 41 सरकारी स्कूलों की 3500 छात्राएं, पांच हजार दर्शक बच्चे और 17 स्कूलों के 700 एनसीसी कैडेट मोदी के भाषण स्थल पर ‘नया भारत’ शब्दों की रचना करेंगे और एकता में मजबूती को रेखांकित करेंगे. प्रधानमंत्री को सलामी गारद पेश करने वाले दस्ते में एक अधिकारी तथा सेना, नौसेना और वायुसेना के 24-24 जवान शामिल होंगे. यह दस्ता लाल किले की प्राचीर के ठीक नीचे, राष्ट्रीय ध्वज के सामने तैनात रहेगा.
सबसे अधिक शब्द होते पीएम मोदी के भाषण में
8000 शब्द होती है पीएम मोदी के भाषण की औसतन शब्द सीमा
5500 शब्दों का भाषण होता था पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का
3600 शब्द मनमोहन सिंह के तो 3300 रही वाजपेयी के भाषण की औसतन शब्द सीमा
सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड मोदी के नाम
96 मिनट लंबा भाषण दिया था 2016 में, अब तक का सबसे लंबा
86 मिनट का था 2015 में प्रधनमंत्री मोदी का भाषण
72 मिनट का भाषण दिया था देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह में
सबसे ज्यादा तिरंगा फहराने वाले नेहरू
1. पंडित जवाहरलाल नेहरू 17
2. इंदिरा गांधी 16
3. मनमोहन सिंह 10
4. अटल बिहारी वाजपेयी 06
5. राजीव गांधी 05
6. पीवी नरसिम्हा राव 05
7. नरेंद्र मोदी 05
8. मोरारजी देसाई 02
चौधरी चरण सिंह (1979), विश्वनाथ प्रताप सिंह (1990), एचडी देवगौड़ा (1996) और इंद्र कुमार गुजराल (1997) ने एक-एक बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया है
दो प्रधानमंत्रियों ने कभी नहीं फहराया लाल किले पर तिरंगा
गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर दो ऐसे प्रधानमंत्री हुए, जिन्हें लाल किला पर तिरंगा फहराने का कभी अवसर नहीं मिला. नंदा दो बार 13-13 दिन के लिए प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे.
पहली बार जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद 27 मई, 1964 को गुलजारीलाल नंदा 13 दिन के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने थे और दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री के देहांत के बाद 11 जनवरी, 1966 को फिर 13 दिन के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने. वहीं, चंद्रशेखर दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्हें एक बार भी लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराने का अवसर नहीं मिला. वह 10 नवंबर, 1990 से 21 जून, 1991 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे.