छत्तीसगढ़ में अब ओबीसी को 27 फीसदी, अनुसूचित जाति को 13 फीसदी आरक्षण

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में अनुसूचित जाति को 13 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की है. बघेल ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली. मुख्यमंत्री ने इस दौरान समारोह को संबोधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2019 2:41 PM

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में अनुसूचित जाति को 13 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की है. बघेल ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली.

मुख्यमंत्री ने इस दौरान समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे प्रदेश का अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग तबका काफी शांतिप्रिय ढंग से अपने अधिकारों की बात करता रहा है. उनके संविधान सम्मत अधिकारों की रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है. इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए आज मैं यह घोषणा करता हूं कि अब प्रदेश निवासी अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जायेगा.’

आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति को 32 फीसदी आरक्षण की सुविधा है. वहीं अनुसूचित जाति को 12 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा है. राज्य सरकार की घोषणा के बाद अब अनुसूचित जाति को 13 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा.

एलीफैंट रिजर्व, नया जिला और 25 नयी तहसीलें बनेंगी

मुख्यमंत्री ने इस दौरान राज्य में जंगली हाथी की समस्या से निबटने के लिए ‘लेमरू एलीफैंट रिजर्व’ बनाने, ‘गौरेला- पेंड्रा-मरवाही’ के नाम से नया जिला बनाने तथा 25 नयी तहसीलें बनाने जैसी अन्य कई घोषणाएं की. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हाथियों की आवाजाही से कई बार जान-माल की हानि होती है. इसकी एक बड़ी वजह हाथियों को उनकी पसंदीदा जगह पर रहने की सुविधा नहीं मिल पाना भी है. इस दिशा में भी राज्य सरकार ने गंभीरता से विचार किया है.

उन्होंने इस दौरान ‘लेमरू एलीपैंट रिजर्व’ बनाने की घोषणा की और कहा कि यह दुनिया में अपनी तरह का पहला ‘एलीफैंट रिजर्व’ होगा, जहां हाथियों का स्थायी ठिकाना बन जाने से उनकी अन्य स्थानों पर आवाजाही तथा इससे होने वाले नुकसान पर भी अंकुश लगेगा. इससे जैव विविधता तथा वन्य प्राणी की दिशा में राज्य का योगदान दर्ज होगा.

उन्होंने कहा कि आज मैं एक और बहुप्रतीक्षित मांग पूरी करते हुए एक नये जिले के निर्माण की घोषणा करता हूं. यह जिला ‘गौरेला-पेंड्रा-मरवाही’ के नाम से जाना जायेगा. इस तरह अब छत्तीसगढ़ 28 जिलों का राज्य बन जायेगा. इसके अलावा 25 नयी तहसीलें भी बनायी जायेंगी.

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