प्रधानमंत्री ने इस्तेमाल हो चुके प्लास्टिक से मुक्ति के लिए अभियान छेड़ने का किया आह्वान

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से इस्तेमाल कर फेंके गये प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने के लिए अभियान छेड़ने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कारोबारी, किसान, मजदूर और नगर निकाय आदि सभी से इसमें सहयोग करने की अपील की. उन्होंने 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2019 5:27 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से इस्तेमाल कर फेंके गये प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने के लिए अभियान छेड़ने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कारोबारी, किसान, मजदूर और नगर निकाय आदि सभी से इसमें सहयोग करने की अपील की.

उन्होंने 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा, मैं एक छोटी सी अपेक्षा आज आपके सामने रखना चाहता हूं. क्या इस दो अक्‍तूबर को हम भारत को ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ से मुक्ति दिलाने की पहल कर सकते हैं? जहां भी प्लास्टिक पड़ा हो, उसे एकत्र करें. नगरपालिकाएं, महानगर पालिकाएं, ग्राम पंचायत सब इसको जमा करने की व्‍यवस्‍था करें. मोदी ने सवाल पूछने के लहजे में कहा, हम प्‍लास्टिक को विदाई देने की दिशा में 2 अक्तूबर को पहला मजबूत कदम उठा सकते हैं क्‍या? उन्होंने कहा, मैं स्टार्ट अप वालों, टेक्नीशियनों, उद्यमियों से यह बताने का आग्रह करता हूं कि हम प्लास्टिक के रिसाइकिल के लिए क्या करें? जैसे राजमार्ग बनाने के लिए प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है. ऐसी बहुत सी विधाएं हो सकती हैं. लेकिन, जिसके कारण अनेक समस्याएं पैदा हो रही हैं, उससे मुक्ति के लिए हमें ही अभियान छेड़ना होगा. साथ-साथ हमें वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी देनी पड़ेंगी.

प्रधानमंत्री ने कहा, मैं तो सभी दुकानदारों से आग्रह करूंगा कि आप अपने यहां यह बोर्ड भी लगा दीजिये कि कृपा कर हमसे प्लास्टिक की थैली की अपेक्षा न करें. आप अपने घर से कपड़े का थैला लेकर आइये या तो हम कपड़े का थैला भी बेचेंगे, ले जाइये. हम एक वातावरण तो बनायें. जल संकट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, सरकार ने एक विशेष काम की तरफ बल देने का निर्णय लिया है और वह है हमारे हर घर में जल कैसे पहुंचे? हर घर को जल कैसे मिले? पीने का शुद्ध पानी कैसे मिले? और इसलिए आज मैं लाल किले से घोषणा करता हूं कि हम आने वाले दिनों में जल-जीवन मिशन को आगे ले करके बढ़ेंगे.

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