अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि : जानें, पूर्व पीएम के 5 बड़े फैसले जिसने देश को दी एक नयी दिशा
नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के दिग्गज दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत रत्न अटल बिहारी को श्रद्धांजलि देंगे. मोदी, केंद्रीय मंत्रीगण और भाजपा के कई शीर्ष नेता पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक ‘सदैव अटल’ जाएंगे और वाजपेयी को श्रद्धांजलि देंगे. वाजपेयी […]
नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के दिग्गज दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत रत्न अटल बिहारी को श्रद्धांजलि देंगे.
मोदी, केंद्रीय मंत्रीगण और भाजपा के कई शीर्ष नेता पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक ‘सदैव अटल’ जाएंगे और वाजपेयी को श्रद्धांजलि देंगे. वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को निधन हो गया था. वह लंबे समय से बीमार थे.
राष्ट्र के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया था. उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा था कि जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल बिहारी वाजपेयी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हो गया है.
अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते हुए कई ऐसे फैसले जिसने देश को एक नहीं दिशा दी. महज दो सीटों वाली भाजपा को बुलंदियों पर पहुंचने का श्रेय भी वाजपेयी जी को ही जाता है. आइये इस मौके पर उनके द्वारा किये गये 5 बड़े फैसले पर गौर करें.
1. देश को एक सूत्रमें जोड़ने की कोशिश
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में सड़कों के माध्यम से देश को एक सूत्र में बांधने का ऐतिहासिक कदम उठाया था, जिसका लाभ आज सबको मिल रहा है.
उन्होंने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना लागू की. साथ ही ग्रामीण अंचलों के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना लागू की. उनके इस फ़ैसले ने देश के आर्थिक विकास को रफ़्तार दी.
2. संचार क्रांति
भारत में संचार क्रांति का जनक भले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को माना जाता है, लेकिन उसे आम लोगों तक पहुंचाने का काम अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ही किया था. 1999 में वाजपेयी ने बीएसएनएल के एकाधिकार को खत्म करते हुए नयी टेलिकॉम नीति लागू की.
हालांकि इसके पीछे भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन का दिमाग बताया जाता है. लोगों को सस्ती दरों पर फोन कॉल्स करने का फायदा मिला और बाद में सस्ती मोबाइल फोन का दौर शुरू हुआ.
3. सर्व शिक्षा अभियान
6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का अभियान अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही शुरू किया गया. 2000-01 में उन्होंने ये अभियान चलाया. जिसके चलते बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाले बच्चों की संख्या में कमी दर्ज की गई. इस अभियान का असर आज भी देखने के लिए मिलता है. स्कूल छोड़ चूके बच्चों की फिर से स्कूल में वापसी हुई. शिक्षा दर भी बड़ी वृद्धि हुई.
4. पोखरण का परीक्षण
मई 1998 में भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था. ये 1974 के बाद भारत का पहला परमाणु परीक्षण था. अटल बिहारी वाजपेयी ने परीक्षण ये दिखाने के लिए किया था कि भारत परमाणु संपन्न देश है. हालांकि वाजेपयी के इस फैसले की घोर आलोचना हुई, लेकिन इस परीक्षण से भारत एक मजबूत और ताकतवर देश के रूप में दुनिया के सामने उभरा.
5. लाहौर बस सेवा की शुरुआत
प्रधानमंत्री के तौर पर अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्तों को सुधारने की दिशा में तेजी से काम किया. उन्होंने फरवरी, 1999 में दिल्ली-लाहौर बस सेवा शुरू की थी. पहली बस सेवा से वे खुद लाहौर गए और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ के साथ मिलकर लाहौर दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए. ये कदम उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल में किया था.