नेशनल कंटेंट सेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के साथ ही अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारतीय कंपनियों को पांच पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल्स (पीएसएलवी) बनाने का न्योता दिया है. इस बात की पुष्टि करते हुए शुक्रवार को इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा कि हम इसे इओआइ (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) कह रहे हैं और यह किसी विदेशी कंपनी के लिए नहीं है. इसरो कुछ समय से इस पर विचार कर रहा है और हमें लगता है कि इससे सरकार की मेक इन इंडिया पहल आगे बढ़ेगी. हालांकि, सिवान ने इसकी कीमत को लेकर कुछ भी नहीं कहा है. लेकिन, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एक पूरी तरह से इंटीग्रेटिड पीएसएलवी लॉन्च वेहिकल की लागत करीब 200 करोड़ रुपये पड़ती है.
इस हिसाब से देखें तो पूरा प्रोजेक्ट 1000 करोड़ रुपये का है. इसरो ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जमा करने के लिए छह सितंबर की तारीख तय की है. इसरो का कहना है कि पीएसएलवी के निर्माण में प्राइवेट कंपनियों के आने से देश में प्रौद्योगिकी बढ़ेगी. इसरो की नयी शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड पर प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की जिम्मेदारी है. इसकी जिम्मेदारी इसरो के अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने की भी है. जानकारी के मुताबिक, यह कंपनी इसरो के पीएसएलवी के निर्माण और लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की जिम्मेदारी संभालेगी.
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छह सितंबर तक जमा कर सकेंगे आवेदन
पीएसएलवी बनाने के लिए भारतीय कंपनियों को न्योता
विदेशी कंपनियां इसमें नहीं हो पायेंगी शामिल
एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के जरिये लिया जायेगा आवेदन
ऐसा होगा पीएसएलवी
ऊंचाई 44मीटर
व्यास 2.8 मीटर
लाॅन्चिंग चरणों की संख्या 04
वजन 320 टन
वैरिएंट 03
-200 करोड़ लागत है एक पीएसएलवी की
-1000 करोड़ रुपये का होगा प्रोजेक्ट