दिल्ली पर मंडराया सबसे बड़ी बाढ़ का खतरा, अरविंद केजरीवाल बोले..
हेल्पलाइन नंबर : 011-22421656, 011- 21210849 नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली पर बिना बारिश के सबसे बड़ी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. दिल्ली सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. यमुना के तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोगों से कहा गया है कि वे सरकार द्वारा बनाये गये टेंट में शिफ्ट हो […]
हेल्पलाइन नंबर : 011-22421656, 011- 21210849
नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली पर बिना बारिश के सबसे बड़ी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. दिल्ली सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है. यमुना के तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोगों से कहा गया है कि वे सरकार द्वारा बनाये गये टेंट में शिफ्ट हो जायें. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लोगों से शाम छह बजे तक टेंट में पहुंच जाने की अपील की है. दिल्ली सरकार ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिये हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है. कहा कि सोमवार को मध्य रात्रि से लेकर अगले दो दिन में हथिनीकुंड बैराज का पानी यमुना में पहुंच जायेगा. राज्य सरकार 24 घंटे स्थिति पर नजर रख रही है.
यमुना नदी का जलस्तर सोमवार सुबह 9 बजे ही खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है. खतरे का नया निशान 205.33 मीटर घोषित किया गया है, जिसे यमुना शाम तक पार कर लेगी, ऐसा अनुमान है. खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने आपतकालीन बैठक भी बुलायी और सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों को भी ऐक्टिव रहने के निर्देश दिये.
बताया जा रहा है कि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से रविवार को 8.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो सोमवार शाम तक दिल्ली पहुंच जायेगा. दिल्ली की तरफ 40 साल बाद इतना पानी छोड़ा गया है. वर्ष 1978 में यमुना में सबसे बड़ी बाढ़ आयी थी और तब हरियाणा से 7 लाख क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया था. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि हथिनी बैराज से जितना पानी छोड़ा गया है, उससे यमुना का जलस्तर 207 मीटर को पार कर सकता है. इसके ऊपर कितना जायेगा, अभी यह कहना मुश्किल है. ज्ञात हो कि वर्ष 2013 में यमुना का जलस्तर 207.32 मीटर के पार हुआ था.
नाव और गोताखोर तैयार
बाढ़ से निबटने के लिए 44 बोट और 27 गोताखोरों की टीमों को तैनात कर दिया गया है. सोमवार सुबह से अधिकारियों ने बोट में बैठकर सुनिश्चित किया कि यमुना किनारे अब कोई छूट नहीं गया है. बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए प्रसाशन अलर्ट है. आइएसबीटी के कुदसिया घाट पर बाढ़ का पानी न पहुंचे, इसके लिए बोरों में मिट्टी भरकर दीवार बनायी गयी है.