नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 से 26 अगस्त तक फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन की यात्रा पर रहेंगे.। मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान इन देशों के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और परस्पर हित के वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे.
प्रधानमंत्री अपनी फ्रांस की यात्रा के दौरान बियारेत्ज में 45वें जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. विदेश मंत्रालय के सचिव (ईआर) टीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 22 अगस्त की शाम फ्रांस पहुंचेंगे. शाम को ही उनकी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो के साथ बैठक होगी. दोनों नेताओं के बीच पहले आपसी बैठक होगी और फिर शिष्टमंडल स्तर की बैठक होगी. प्रधानमंत्री का भारतीय समुदाय को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है. वे एयर इंडिया के दो विमान हदसों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि भी देंगे. तिरुमूर्ति ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति मैक्रो के आमंत्रण पर फ्रांस जा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि भारत और फ्रांस के बीच चर्चा में रक्षा सहयोग महत्वपूर्ण आयाम होंगे. दोनों देशों के बीच रक्षा, नौवहन क्षेत्र, अंतरिक्ष सहयोग, सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा होगी. फ्रांस के साथ जैतापुर परमाणु संयंत्र परियोजना को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा होगी. भारत और फ्रांस अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को आगे बढ़ाने तथा तीसरे देश खास तौर पर अफ्रीका में इसे आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे.
प्रधानमंत्री 23 से 25 अगस्त तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन की यात्रा पर रहेंगे. यूएई और बहरीन की यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को फिर फ्रांस के बियारेत्ज जायेंगे जहां वे रात्रि भोज में भी हिस्सा लेंगे. वे शिखर सम्मेलन में ‘असमानता से मुकाबला’ विषय पर भी अपने विचार रखेंगे. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी लोक कल्याण के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी की सफलता के भारत के अनुभव साझा करेंगे तथा जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव जैसे विषयों पर विचार रखेंगे. प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा इस मायने में भी खास है क्योंकि इस दौरान वह यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘आर्डर आॅफ जायद’ ग्रहण करेंगे. विदेश मंत्रालय के सचिव ने बताया कि इस यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर डाक टिकट भी जारी करेंगे.
इस दौरान उनका रूपे कार्ड शुरू करने का भी कार्यक्रम है. दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा, समग्र सामरिक सहयोग के बढ़ावा देने के साथ कारोबार, आतंकवाद से निपटने, अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने पर व्यापक चर्चा होगी. गत अप्रैल में यूएई ने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘आर्डर आॅफ जायद’ प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की थी. विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान अबु धाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात करेंगे जिस दौरान वह द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और परस्पर हित के अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चर्चा करेंगे.
भारत और यूएई के बीच संबंध गत कुछ वर्षों में काफी बढ़े हैं. उसकी ओर से द्विपक्षीय निवेशों का मजबूत प्रवाह हुआ है और करीब 60 अरब डाॅलर का वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार हुआ है. यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है. प्रभावशाली खाड़ी देश भारत को तेल निर्यात करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश भी है. यूएई में भारतीय समुदाय के करीब 33 लाख सदस्य रहते हैं. विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, यह यात्रा यूएई के साथ हमारे मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी. उन्होंने बताया कि यूएई से मोदी 24 अगस्त को बहरीन रवाना होंगे जो कि इस खाड़ी देश की भारत के किसी प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी. बहरीन में मोदी अपने समकक्ष राजकुमार शेख खलीफा बिन सलमान अल खलीफा के साथ द्विपक्षीय संबंधों के पूरे आयामों के साथ ही क्षेत्रीय और परस्पर हित के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. बहरीन के शेख हमाद बिन ईसा अल खलीफा मोदी के सम्मान में एक रात्रि भोज का आयोजन करेंगे.
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का मनामा में श्रीनाथजी मंदिर के पुनरुद्धार कार्य की शुरुआत करने का कार्यक्रम है. भारत और बहरीन के बीच संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में नया जोश देखने को मिला है. भारत-बहरीन द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा है और यह 2018-2019 में 1.3 अरब अमेरिकी डाॅलर हो गया है. बहरीन में करीब 3,50,000 भारतीय नागरिक रहते हैं जो कि देश में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है और वे बहरीन के विकास में योगदान दे रहे हैं. विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि बहरीन में 3000 भारतीय स्वामित्व वाले या संयुक्त उपक्रम दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध के महत्व को रेखांकित करते हैं. यह यात्रा बहरीन के साथ हमारे परस्पर लाभकारी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती प्रदान करने का एक मौका देगी.