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कोल ब्‍लॉक:गुम फाइलों पर सीबीआई ने दो मामले दर्ज किये

नयी दिल्ली: कोल ब्‍लॉक मामले में सीबीआई ने दो प्रारंभिक मामले दर्ज किये हैं. सरकार का कहना है कि कोयला ब्‍लॉक आवंटन से संबंधित अधिकांश रिकार्ड, दस्तावेज एवं फाइलें उसके पास हैं. सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत कोयला मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2006-09 की अवधि के दौरान […]

नयी दिल्ली: कोल ब्‍लॉक मामले में सीबीआई ने दो प्रारंभिक मामले दर्ज किये हैं. सरकार का कहना है कि कोयला ब्‍लॉक आवंटन से संबंधित अधिकांश रिकार्ड, दस्तावेज एवं फाइलें उसके पास हैं.

सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत कोयला मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2006-09 की अवधि के दौरान निजी कंपनियों को कोयला ब्‍लॉकों के आवंटन और 1993 से 2004 की अवधि के दौरान निजी तथा सरकारी कंपनियों को कोयला ब्‍लॉक के आवंटन के संबंध में कथित अनियमितताओं एवं संबंधित मुद्दों पर 3 प्रारंभिक जांच (पीई) के मामले दर्ज किये हैं. आरटीआई के जवाब में कोयला मंत्रालय के अवर सचिव संजय सहाय ने बताया कि इन मामलों में जांच चल रही है.

मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने रिकार्ड, दस्तावेज एवं रिकार्ड मांगे हैं और अधिकांश आवंटनों से संबंधित मूल फाइलें उसके पास हैं. रटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोयला ब्‍लॉक आवंटन से संबंधित गुम फाइलों दस्तावेजों के संबंध में भी सीबीआई ने दो प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है. इसकी भी जांच चल रही है.

मंत्रालय ने बताया, सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय में शपथ पत्र भी पेश किया है और मामलों की जांच के संबंध में स्थिति रिपोर्ट भी उच्चतम न्यायालय को प्रस्तुत की जा रही है. कोयला ब्‍लॉक आवंटन से जुडे मामलों की जांच की स्थिति का ब्यौरा देने से इंकार करते हुए कोयला मंत्रालय ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8 (1) (एच) के तहत ऐसी सूचना देने की बाध्यता नहीं होगी जिसमें अपराधियों की जांच अथवा गिरफ्तारी अथवा अभियोजन की प्रक्रिया बाधित होगी.

हिसार स्थित आरटीआई कार्यकर्ता रमेश वर्मा ने कोयला मंत्रालय से कोयला ब्‍लॉक आवंटन में कथित अनियमितता से जुडी कंपनियों, देश को हुए नुकसान और मामलों की वर्तमान स्थिति का ब्यौरा मांगा था. यह भी पूछा गया था कि क्या आवंटन से जुडी कोई फाइल गुम है, अगर ऐसा है तो उसका ब्यौरा दें। इस मामले में हुई कार्रवाई का भी ब्यौरा दें.

मंत्रालय ने ब्यौरा देने से इंकार करते हुए कहा कि इस स्तर पर कोई भी सूचना व्यक्त करने से साक्ष्य या रिकार्ड तैयार किये जा सकते हैं जिससे जांच की प्रक्रिया बाधित हो सकती है. इसलिए उपयुक्त सूचना नहीं बतायी जा सकती है. गौरतलब है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कोयला ब्लाक आवंटन से सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचने का जिक्र किया था.

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