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क्या है INX Media Case, पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम तक कैसे आई केस की आंच, जानिए
नयी दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. गिरफ्तारी से रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर आज सुनवाई है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आईएनएक्स […]
नयी दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही उनपर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. गिरफ्तारी से रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर आज सुनवाई है.
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आईएनएक्स मीडिया केस क्या है. साथ ही पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का नाम इस मामले से कैसे जुड़ा. इस केस में पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पहले से ही आरोपी हैं.
आईएनएक्स मीडिया
15 मई 2017 को सीबीआई द्वारा एक एफआईआर दर्ज किया गया था. इसमें कहा गया था. 2007 में जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब उन्होंने पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया को मंज़ूरी दिलाई. इसके बाद इस कंपनी में कथित रूप से 305 करोड़ का विदेशी निवेश आया. अनुमति मिली थी मात्र पांच करोड़ के निवेश की, लेकिन आईएनएक्स मीडिया में 300 करोड़ से अधिक का निवेश हुआ.
कथित रूप से खुद को बचाने के लिए आईएनएक्स मीडिया ने कार्ति चिदंबरम के साथ साजिश की और सरकारी अफसरों को प्रभावित करने का प्रयास किया. दावा किया गया है कि चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने 10 लाख की रकम बतौर रिश्वत ली थी. सीबीआई का आरोप है कि एक निजी कंपनी, जिस पर कार्ति चिदंबरम का कंट्रोल था, को इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के मीडिया हाउस से फंड ट्रांसफर हुआ था.
सीबीआई का आरोप है कि कार्ति ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके आईएनएक्स को फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट क्लियरेंस हासिल करने में मदद की थी. आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके बाद ईडी ने पिछले साल इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
पिछले महीने ही दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अन्य मामले- शीना वोरा मर्डर केस की मुख्य आरोपी इंद्राणी को आईएनएक्स केस में सरकारी गवाह बना दिया था. पिछले साल फरवरी में कार्ति को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया था हालांकि मार्च में उन्हें जमानत मिल गई.
कार्ति और उनके पिता चिदंबरम से ईडी कई बार इस केस में पूछताछ कर चुकी है. ईडी ने कार्ति चिदंबरम से जुड़ी 54 करोड़ की संपत्ति को भी अटैच किया है. साथ ही पीटर और इंद्राणी की संपत्तियां भी अटैच की गई हैं.
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