मुंबई : पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने 63 मून्स टेक्नोलॉजी की ओर से उनके खिलाफ की गयी शिकायत की प्रति और संबंधित दस्तावेज की मांग की है. कंपनी ने बंबई हाईकोर्ट में चिदंबरम के खिलाफ 10,000 करोड़ रुपये हर्जाने को लेकर याचिका दायर की है. अदालत ने इस संबंध में चिदंबरम को समन भेजा है.
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हाईकोर्ट ने मामले में 24 जुलाई को हुई सुनवाई में चिदंबरम और दो अधिकारियों को 15 अक्टूबर को कंपनी के दावों पर जवाब देने के लिए खुद या अपने वकीलों के माध्यम से उपस्थित होने को कहा है. चिदंबरम के वकील नीतेश जैन ने 14 अगस्त को कंपनी द्वारा दायर मुकदमे की प्रति और उससे जुड़े दस्तावेज मुहैया कराने की मांग की है.
चिदंबरम के वकील ने कहा कि समन के साथ वाद की प्रति और अन्य दस्तावेज जुड़े हुए नहीं थे. इसलिए समन दीवानी प्रक्रिया संहिता के उपयुक्त प्रावधानों का अनुपालन नहीं करते हैं. कंपनी के वकील भावेश ठाकुर ने भी मंगलवार को पत्र मिलने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि पत्र मिलने के बाद मुकदमे की प्रति और अन्य संबंधित दस्तावेज चिदंबरम को भेज दिये गये हैं. कंपनी ने 12 जून को चिदंबरम, कौशल विकास मंत्रालय के सचिव के पी कृष्णन और वायदा बाजार आयोग के पूर्व चेयरमैन रमेश अभिषेक के खिलाफ मुकद्दमा दायर किया था.
कंपनी ने उसकी सहयोगी कंपनी में भुगतान संकट को लेकर निशाना बनाने और गलत कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. कंपनी का आरोप है कि उसकी एक इकाई नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) में जानते बूझते योजनाबद्ध ढंग से भुगतान संकट खड़ा किया गया और उसे लक्ष्य बनाकर दुर्भावनापूर्ण तरीके से लगातार कार्रवाई की गयी.
कंपनी का दावा है कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गयी जांच में किसी भी लेन-देन की जांच न तो एनएसईएल तक पहुंची, न ही 63 मून्स और न ही इसके संस्थापक जिग्नेश शाह की इसमें संलिप्तता पायी गयी. चिदंबरम, कृष्णन और अभिषेक द्वारा कंपनी समूह के खिलाफ रची गयी सोची समझी साजिश में उसे निशाना बनाया गया. कंपनी ने मामले में 10,000 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है.