यूपीएससी मामला:छात्रों के लिए बड़ा दिन,सरकार आज ले सकती है बड़ा फैसला

सीसैट को लेकर यूपीएससी-छात्र विवाद में विकल्प ढूंढ़ती सरकार नयी दिल्लीः सीसैट को लेकर यूपीएससी-छात्र विवाद अभी जारी है. इधर खबर है कि सरकार आज इस मामले में कोई बड़ी घोषण कर सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस मामले में सरकार छात्रों को बड़ी राहत देने के पक्ष में है. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 28, 2014 9:34 AM

सीसैट को लेकर यूपीएससी-छात्र विवाद में विकल्प ढूंढ़ती सरकार

नयी दिल्लीः सीसैट को लेकर यूपीएससी-छात्र विवाद अभी जारी है. इधर खबर है कि सरकार आज इस मामले में कोई बड़ी घोषण कर सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस मामले में सरकार छात्रों को बड़ी राहत देने के पक्ष में है. इस मामले में प्रभातखबर डॉट कॉम ने पहले ही खबर प्रकाशित कर दी थी कि सी-सैट मामले में सरकार की ओर से सोमवार तक कोई बड़ा फैसला आ सकता है.

इस दौरान अपनी मांगों को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा है. कुछ छात्रों ने तो आमरण अनशनशुरु कर दिया है. उन लोगों का कहना है कि जबतक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी तबतक हमलोग अनशन में रहेंगे.यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न के खिलाफ प्रदर्शन के मद्देनजर सरकार ने मुद्दे के हल के लिए रविवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक की. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव, 24 अगस्त से होने जा रही पीटी परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने पर जल्द फैसला हो सकता है. इस संबंध में गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत करा दिया है.

सीसैट परीक्षा बन गयी है हिंदीभाषी परीक्षार्थियों की सफलता में बाधा?

* दो धड़े में बटी छात्र आंदोलन

सी-सैट को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का दल दो भागों में बंट गयी. आंदोलन की शुरुआत पहले सभी ने साथ मिलकर किया. छात्रों ने सरकार के सामने कुछ मांगे रखी है. आंदोलनकारी छात्रों ने सरकार के सामने जो मांगे रखी हैं,पूरा नहीं होने तक छात्रों ने आमरण अनशन करने का फैसला लिया. इसमें कुछ छात्रों की हालत बिगड़ने पर आंदोलन से हट जानेकाफैसला लिया,लेकिन अब भी कई छात्र अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन में बैठे हुए हैं.

* छात्र क्‍यों हुए आंदोलन के लिए बाध्‍य

सी-सैट को लेकर जारी छात्रों का विरोध प्रदर्शन के पीछे कारण कुछ ऐसा है. पीएससी परीक्षा के सवाल अंग्रेजी में तैयार किये जाते हैं. लेकिन जब उन सवालों का हिंदी अनुवाद किया जाता है, तो वे इस तरह से अनुवाद किये जाते हैं कि उनका जवाब देना हिंदी भाषी छात्रों के लिए मुश्किल हो जाता है. यही कारण है कि हिंदी भाषी छात्र सी-सैट परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. यूपीएससी की परीक्षा प्रणाली में 2010 में बदलाव किया गया है. 2011 में सीसैट परीक्षा प्रणाली शुरू की गयी थी.

* सी-सैट परीक्षा बन गयी है सफलता में बाधा

वर्ष 2011 से सीसैट परीक्षा प्रणाली लागू की गयी थी. उस समय से हिंदी भाषी छात्रों के लिए यह परीक्षा मुसीबत बन गयी है और हिंदी माध्यम से आईएसएस की परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों की संख्या घट गयी है. ऐसे में उन छात्रों के लिए परेशानी खड़ी हो गयी है, जो गरीब परिवारों से आते हैं, मेधावी हैं, लेकिन उनकी भाषा अंग्रेजी नहीं है. यूपीएससी के आंकडों के मुताबिक,2008 में 5082 छात्रों ने हिन्दी भाषा में सिविल सेवा परीक्षा दी थी जो 2011 में घटकर 1682 रह गयी. 2008 में तेलगू भाषा में 117 छात्रों ने परीक्षा दी थी जो 2011 में घटकर 29 रह गयी. 2008 में तमिल भाषा में 98 छात्रों ने परीक्षा दी थी जो 2011 में घटकर 5 रह गयी. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि क्या गरीब परिवार के बच्चे प्रशासनिक सेवा में नहीं जा सकते?

* सी-सैट विवाद में सरकार और छात्र दोनों के पास विकल्‍प का अभाव

यहां यूपीएससी और छात्रों दोनों के बीच सीमित विकल्प है. अगर यूपीएससी छात्रों के आंदोलन पर झुकते हुए सीसैट को समाप्त करती है तो फिर अगस्त में परीक्षा होना संभव नहीं होगा. एक तो मई में होने वाली परीक्षा का समय अगस्त बढ़ गया है और अगर ऐसा होता है तो यूपीएससी का एक्जाम सेशन एक साल पीछे जा सकता है.दूसरी ओर अगर यूपीएससी निर्धारित तारीख को ही पीटी लेती है तो इसका पूरा खामियाजा छात्रों को ही भुगतना होगा. कारण की वे लोग अपनी तैयारी का अधिकांश समय विरोध प्रदर्शन में गंवा चुके हैं.

* क्‍या है छात्रों की प्रमुख मांगे

1. सी-सैट तत्‍काल प्रभाव से हटाया जाए

2. मुख्‍य परीक्षा में प्रशन पत्र का गलत और जटिल अनुवाद न किया जाए

3. साक्षात्‍कार में पारदर्शिता हो और अन्‍य भारतीय भाषाओं को भी वरीयता दी जाए

4. सिविल सेवा परीक्षा की तिथि को 24 अगस्‍त से आगे बढ़ाया जाए

इसके अलावे पहले जो मांगे छात्रों की ओर से जारी किये गये थे

1. सी-सैट को पूर्ण रूप से हटाया जाए और प्रारंभिक परीक्षा में अंग्रेजी भाषा के प्रश्‍न को अनिवार्य न बनाया जाए

2. मुख्‍य परीक्षा में अंग्रेजी भाषा को अनिवार्य न बनाया जाए और विकल्‍प के रूप में भारतीय भाषाओं को भी चुनने का ऑप्‍शन दिया जाए

3. छात्रों से उनके द्वारा ऑप्‍शन में चुने गये भाषा पर ही साक्षात्‍कार लिया जाए

4. छात्र जिस भाषा में परीक्षा दे,उसकी उत्तरपुस्तिका की जांच उसी भाषा के विशेषज्ञ से करायी जाए

5. सी-सैट लागू किये जाने जिन छात्रों को परीक्षा में अतिरिक्‍त मौका नहीं दिया गया था उनके लिए अस्‍थाई तौर पर आयु सीमा में दो वर्ष की छूट दी जाए.

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