नयी दिल्लीः यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट को लेकर लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच खबर है कि सरकार विरोध कर रही अभ्यर्थियों को राहत दे सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) की तारीख 24 अगस्त से आगे बढ़ा सकती है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों के अनुसार इस मसले पर केंद्र का अंतिम निर्णय तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट के बाद आएगा. समिति की रिपोर्ट तीन-चार दिन में आ सकती है. आज इसको लेकर पीएमओ में राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यूपीएससी परीक्षार्थियों को आश्वासन दिया है कि सरकार इस मुद्दे को एक सप्ताह के भीतर सुलझा लेगी.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यूपीएससी मुद्दे को एक सप्ताह के भीतर सुलझा लिया जायेगा. इस बारे में चर्चा चल रही है.’’ राजनाथ ने कहा कि इस बारे में छात्रों के प्रदर्शन के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश के बाद उन्होंने कल बैठक की थी.
एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से नियुक्त तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट जल्द ही आ जायेगी जिसका गठन यूपीएससी के सीसैट प्रारुप में बदलाव की मांग करने वाले छात्रों की मांग पर विचार करने के लिए किया गया है.
अखिलेश ने सी-सैट पर पुनर्विचार के लिए मोदी को लिखा पत्र
लखनउ: सीसैट को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी छात्रों के हितों को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी से हिन्दी भाषी छात्रों की मांग को लेकर एक पत्र लिखा है.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से सी-सैट प्रणाली पर पुनर्विचार की मांग की है. सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक अखिलेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आज लिखे एक पत्र में हिन्दी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषाभाषी छात्रों के भविष्य एवं संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रशासनिक सेवा परीक्षा में समानता की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए सी-सैट प्रणाली पर पुनर्विचार की मांग की.
यूपी से बडी तादाद में अभ्यर्थी शामिल होते हैं यूपीएससी में
‘‘संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रशासनिक सेवा परीक्षा में उत्तर प्रदेश से काफी तादाद में परीक्षार्थी शामिल होते हैं जिनकी मूल भाषा हिन्दी है.’’ उन्होंने कहा कि वर्तमान में आयोजित परीक्षा पद्धति में सी-सैट के तहत जो प्रश्नपत्र हिन्दी या अन्य भाषाओं के माध्यम के परीक्षार्थियों को उपलब्ध कराये जाते हैं, उनमें मूलत: साफ्टवेयर द्वारा अंग्रेजी भाषा का रुपांतरण कर दिया जाता है.
पत्र में कहा गया कि रुपांतरण के बाद प्रश्न के मूल अर्थ में विसंगतियां उत्पन्न हो जाती हैं, जिसके कारण परीक्षार्थी द्वारा उनका उत्तर देने में संशय की स्थिति पैदा होती है.