नयी दिल्लीः नरेंद्र मोदी की सरकार ने सरकारी अधिकारियों पर नकेल कसकर उन्हें अपने काम के प्रति और ज्यादा जागरूक करने की दिशा में पहल शुरू कर दी है. केंद्रीय शहरी विकास और आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री वेंकैया नायडू ने आज सुबह अपने मंत्रालयों का औचक निरीक्षण किया और इस दौरान दोनों मंत्रालयों के करीब 80 कर्मचारी दफ्तर से नदारद मिले.
जब नायडू ने पाया कि बडी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी दफ्तर नहीं पहुंचे हैं तो इन मंत्रालयों में बायोमेट्रिक प्रणाली लगाने का फैसला किया गया. इसके अलावा दफ्तर पहुंचने के तय समय के 15 मिनट बाद उपस्थिति रजिस्टर हटा लेने और देरी से आने वालों को पूरे दिन के लिए गैरहाजिर मानकर उनकी उस दिन की पगार काट लेने जैसे कदम उठाने का भी निर्णय लिया गया.
उच्च अधिकारियों ने बताया कि नायडू आज सुबह 9:10 बजे निर्माण भवन पहुंचे और पाया कि करीब 80 प्रतिशत कर्मचारी अपने दफ्तरों में नहीं थे. अधिकारियों ने बताया कि देरी से आने वालों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.
समय पाबंदी पर जोर दे रहे नायडू द्वारा इन मंत्रालयों का यह दूसरा औचक निरीक्षण था.उन्होंने आज के निरीक्षण के दौरान निर्माण भवन के विभिन्न तलों का दौरा किया जहां शहरी विकास और आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालयों के कार्यालय हैं.
अधिकारियों के मुताबिक मंत्री ने लोगों के दफ्तर से नदारद रहने और देरी से आने के चलन को गंभीरता से लिया वहीं यह बात भी सामने आई कि 12 जून को उनके पिछले निरीक्षण के बाद से निर्माण भवन में साफ-सफाई और रख-रखाव दुरस्त हुआ है.
निरीक्षण के समय नायडू के साथ शहरी विकास सचिव शशांक अग्रवाल और दोनों मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे.निरीक्षण के बाद नायडू ने दिशानिर्देश जारी किये जिनके मुताबिक दोनों मंत्रालयों के संयुक्त सचिव एक सप्ताह तक रोज संबंधित दफ्तरों का दौरा करेंगे और कर्मचारियों की उपस्थिति पर नजर रखेंगे.
नायडू ने देरी से काम पर आने वालों के खिलाफ जरुरी और तत्काल कार्रवाई का निर्देश भी जारी किया.
मोदी सरकार के अन्य मंत्री भी इससे पहले इस तरह का प्रयोग कर चुके हैं. केन्द्र सरकार में (स्वतंत्र प्रभार) सूचना एवं प्रसारण मंत्री एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने भी हाल ही में अपने ही मंत्रालय में छापा मारा. उनके दफतर में आधे घंटे विलंब से भी पहुंचे मंत्रियों की उन्होंने पुरे दिन की ही छुट्टी कर दी. सरकार के इस तरह के कदम के जरिये जनता के बीच यह संदेश भेजे जा रहे है कि मोदी अपने काम को लेकर कितने सजग है. मोदी ने केबिनेट की बैठक में भी अपने काम के प्रति इमानदार होने और मंत्रियों को अपने काम का एजेंडा तय कर लेने की सलाह दी थी. मोदी के मंत्री भी अब अपने काम को लेकर काफी गंभीर और योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं.
मंत्री भी पहुंचने लगे हैं समय पर
मौजूदा सरकार में मुस्तैद सभी केन्द्रीय मंत्रियों ने समय पर दफ्तर जाना शुरू कर दिया है. मोदी सरकार में वे सभी मंत्री जिनकी सुबह 12 बजे होती थी वे भी अब समय पर अपने दफ्तर में नजर आने लगे है. मोदी राज में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की दिनचर्या दिन के 12 बजे शुरू होती थी लेकिन मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही सभी मंत्रियों को समय पर आने के नोटिस दे दिया है. ज्ञात हो कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी कठिन दिनचर्या के लिए जाने जाते हैं. वह हर रोज सुबह 9 बजे तक अपने दफतर पहुंच जाया करते हैं.