नयी दिल्ली : एटीएम धोखाधड़ी रोकने के लिए दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) ने बैंकों को कई सुझाव दिये हैं. यदि मंजूरी मिली, तो बैंक ग्राहकों पर इसका सीधा असर पड़ेगा़ एसएलबीसी ने सुझाव दिया है कि किसी भी बैंक एटीएम से एक से दूसरी बार पैसे निकालने के समय में छह से 12 घंटे का अंतराल होना चाहिए. मतलब यह कि किसी बैंक ग्राहक ने यदि सुबह 11 बजे पैसे की निकासी की है, तो दूसरी निकासी वह शाम पांच से रात 11 बजे तक कर पायेगा.
इसके अलावा अनधिकृत रूप से पैसे निकालने की कोशिश करने पर अकाउंट होल्डर्स को अलर्ट करने के लिए ओटीपी भेजने का भी सुझाव है. एटीएम के लिए सेंट्रलाइजस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम का भी सुझाव दिया है. हालांकि, कुछ बैंकों में यह पहले से ही लागू है.
कमेटी का कहना है कि एटीएम से धोखाधड़ी के मामले ज्यादा होते हैं और वह भी अधिकतर रात में होते हैं. ऐसे में इन घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. दरअसल, इन दिनों ऑनलाइन और एटीएम फ्रॉड के कई मामले सामने आ रहे हैं. रिजर्व बैंक भी लोगों को सतर्क करने में लगा है.
कमेटी का मानना है कि इन बदलावों से धोखाधड़ी को कम किया जा सकता है. हालांकि इसके लिए बैंकों को अपने एटीएम के मैकेनिज्म में भी बदलाव करना होगा. ग्राहक जब अपना पिन दर्ज करेंगे, तो उसके साथ ही मोबाइल पर एक ओटीपी आयेगा. इसे दर्ज करने पर ही ट्रांजेक्शन पूरा होगा.
केनरा बैंक के एटीएम से 10 हजार से ज्यादा की निकासी पर ओटीपी जरूरी : केनरा बैंक ने ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 10, 000 या इससे ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर ओटीपी जरूरी कर दिया है.
इस सुविधा के तहत यदि आप केनरा बैंक के एटीएम से 10000 रुपये या इससे से ज्यादा कैश निकालते हैं, तो एटीएम ट्रांजेक्शन के समय आपको अपने मोबाइल में आये ओटीपी को भी दर्ज करना होगा. एटीएम फ्राॅड को रोकने के लिए कई बैकों की तरफ से भी ओटीपी का फीचर शुरू किया जानेवाला है. स्टेट बैंक भी जल्द ही इसे लागू करेगा.
ग्राहकों के लिए जरूरी
- अपने अकाउंट में मोबाइल नंबर दर्ज करवाएं
- एटीएम जाते समय मोबाइल फोन अपने साथ रखें
- एटीएम में पिन दर्ज करते ही रजिस्टर्ड मोबाइल पर आये ओटीपी देखें
- इस ओटीपी को एटीएम में इंटर करें, फिर ट्रांजेक्शन होगा पूरा
कमेटी के सुझाव
- ग्राहकों को बैंक एटीएम से पैसे की निकासी से पहले उनके मोबाइल पर ओटीपी भेजें
- दोतरफा संचार वाले एटीएम और एक सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम सभी बैंक लगाएं
- यह सिस्टम क्रेडिट या डेबिट कार्ड द्वारा होने वाले ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जैसा होगा