सफलतापूर्वक चांद की तीसरी कक्षा में स्थापित हुआ चंद्रयान-2, बस दो कदम दूर है मंजिल
नयी दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक चांद की तीसरी कक्षा में स्थापित करा दिया. वैज्ञानिकों ने इस कार्य को बुधवार सुबह 9 बजे अंजाम दिया. इस दौरान यान की गति को कम कर दिया गया था ताकि चंद्रमा की गुरूत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आकर यान उससे टकरा […]
नयी दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक चांद की तीसरी कक्षा में स्थापित करा दिया. वैज्ञानिकों ने इस कार्य को बुधवार सुबह 9 बजे अंजाम दिया. इस दौरान यान की गति को कम कर दिया गया था ताकि चंद्रमा की गुरूत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव में आकर यान उससे टकरा ना जाए.
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-2 अगले दो दिनों तक इसी कक्षा में चक्कर लगाएगा. वैज्ञानिकों ने बताया कि यान इस दौरान 179 किमी की एपोजी और 1412 किमी की पेरोजी में चक्कर लगाएगा. बता दें कि चंद्रयान-2 को 30 अगस्त को चौथी और 01 सितंबर को पांचवी कक्षा में डाला जाएगा. गौरतलब है कि इससे पहले 20 अगस्त को चंद्रयान-2 को चंद्रमा की पहली कक्षा में स्थापित करवाया गया था. इस दौरान भी यान की गति में कमी लाई गयी थी.
Indian Space Research Organisation (ISRO): Third Lunar bound orbit maneuver for Chandrayaan-2 spacecraft was performed successfully today at 0904 hours IST (India Standard Time). pic.twitter.com/872OMRs2d4
— ANI (@ANI) August 28, 2019
प्रज्ञान रोवर के साथ उतरेगा विक्रम लैंडर
जानकारी के मुताबिक चंद्रमा की चार कक्षा बदलने के बाद चंद्रयान-2 से विक्रम लैंडर बाहर निकल जाएगा. इसके बाद विक्रम लैंडर अपने साथ प्रज्ञान रोवर को लेकर चांद की तरफ बढ़ना शुरू करेगा जहां संभावित तिथि 07 सितंबर को विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा.पिछले दिनों चंद्रयान-2 ने चांद की कक्षा में चक्कर लगाते हुए इसकी कई तस्वीरें भेजी थीं. इसरो ने इन तस्वीरों को जारी कर बताया था कि यान अब तक अपना काम बखूबी कर रहा है.
पीएम मोदी लाइव देखेंगे यान की लैंडिंग
बता दें कि चंद्रयान-2 को बीते 22 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से बाहुबली नाम के रॉकेट के जरिये प्रक्षेपित किया गया था. उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी चंद्रयान-2 की चांद पर लैंडिंग को लाइव देखेंगे. अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में चंद्रयान-2 को उल्लेखनीय उपलब्धि माना जा रहा है.