नयी दिल्ली: कश्मीर मसले को लेकर हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी ताजा विवाद के बीच एक सुखद खबर आई है. दोनों देशोंं के बीच प्रस्तावित करतारपुर कॉरीडोर पर वार्ता के लिए पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल जीरो प्वॉइंट पर पहुंच गया है. प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार की सुबह को यहां पहुंचा. पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने बीते दिनों कहा था कि दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार यानी 30 अगस्त को अटारी बॉर्डर स्थित जीरो प्वॉइंट पर वार्ता होगी.
Pakistani delegation has arrived at the Zero Point of #KartarpurCorridor, for technical meeting between India and Pakistan on #KartarpurCorridor. pic.twitter.com/ikc1VvlBpl
— ANI (@ANI) August 30, 2019
कॉरीडोर परियोजना पर तीसरे दौर की वार्ता होगी
बता दें कि दोनों देशों के बीच प्रस्तावित करतारपुर कॉरीडोर परियोजना को लेकर तीन दौर की वार्ता होनी थी. इनमें से पहली बैठक मार्च में और दूसरी बैठक जुलाई में हुई थी. तीसरे दौर की वार्ता के लिए भारत की तरफ से 30 अगस्त का प्रस्ताव दिया गया था जिसे पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया था. पाकिस्तान ने कहा था कि वो करतारपुर कॉरीडोर परियोजना का काम जारी रखेगा. उनके प्रवक्ता ने कहा कि, इस कॉरीडोर को सिख धर्म के संस्थापक नानक देव की 550वीं जंयती के मौके पर खोलेगा.
पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर है करतारपुर
गौरतलब है कि करतारपुर गुरुद्वारा पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है. ये भारतीय राज्य पंजाब के गुरुदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक श्राइन से करीब चार किलोमीटर दूर है. वहीं लाहौर से इसकी दूरी तकरीबन 120 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में अवस्थित है. कहा जाता है कि सिखों के पहले गुरु, गुरु नानकदेव काफी समय तक यहां रहे. गुरुनानक देव का जन्मस्थान होने का कारण सिखों की इस पर विशेष आस्था रही है लेकिन बंटवारे के बाद जो सिख भारत में रहे उनके लिए इसका दर्शन करना मुश्किल हो गया था.
सिख समुदाय ने लंबे समय तक की है मांग
सिख समुदाय के लोग लंबे समय से इस कॉरीडोर को बनाए जाने की मांग कर रहे थे लेकिन किसी ना किसी मसले पर दोनों देशों के बीच तनाव पैदा होने की वजह से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा सका. पाकिस्तान और फिर भारत में सत्ता परिवर्तन के बाद इस दिशा में काम शुरू हुआ. सकारात्मक बात ये रही कि, पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक और फिर भारत सरकार द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद370 हटाए जाने से उपजे तनाव के बीच कॉरीडोर परियोजना का काम नहीं रूका. उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच की ये वार्ता सफल रहेगी.