जम्मू-कश्मीर: भारतीय सेना में शामिल हुए सैकड़ों कश्मीरी युवा, कहा- हमें गर्व है

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के 575 युवा शनिवार को भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. श्रीनगर में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद ये युवा जम्मू और कश्मीर लाइट इंफैंट्री रेजिमेंटल सेंटर में शामिल हुए. जम्मू-कश्मीर को लेकर ताजा हालातों के बीच ये काफी सुखद खबर है. एक तरफ जहां दावा किया जा रहा है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2019 2:59 PM

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के 575 युवा शनिवार को भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. श्रीनगर में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद ये युवा जम्मू और कश्मीर लाइट इंफैंट्री रेजिमेंटल सेंटर में शामिल हुए. जम्मू-कश्मीर को लेकर ताजा हालातों के बीच ये काफी सुखद खबर है. एक तरफ जहां दावा किया जा रहा है कि केंद्र के फैसले के बाद वहां युवा आक्रोश में हैं और कर्फ्यू हटाते ही वे बेकाबू हो जाएंगे वहीं दूसरी तरफ वहां के युवकों का सेना में शामिल होना एक अलग ही तस्वीर पेश कर रहा है.

भारतीय सेना का हिस्सा बन खुश हैं युवा

सेना में शामिल होने वाले श्रीनगर निवासी वसीम अहमद मीर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं बहुत खुश हूं. उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता मेरी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं. अपना अनुभव साझा करते हुए अहमद मीर ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से काफी कुछ सीखने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि उनके पिता भी सेना में थे और उनकी वर्दी ने उन्हें भारतीय सेना का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया.

तेजी से सामान्य हो रहे हैं घाटी के हालात

बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर उसे केंद्रशासित प्रदेश बना दिया था. इसको दो भागों में भी विभाजित कर दिया गया था जिसमें से एक हिस्सा जम्मू-कश्मीर है तो वहीं दूसरा लद्दाख. कुछ विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया वहीं राज्य में भी छिटपुट विरोध की घटना दर्ज की गई. कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद से वहां भारी तनाव है लेकिन बीतते समय के साथ हालात सामान्य होते दिखे.

बौखलाहट में है पड़ोसी देश पाकिस्तान

उधर पाकिस्तान भारत के इस फैसले के बाद से बौखलाहट में है. वो दुनियाभर में ये बताने की लगातार कोशिश कर रहा है कि भारत की सरकार ने राज्य पर अपना फैसला थोपा है और वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है. उसका कहना है कि राज्य में संचार के तमाम साधन प्रतिबंधित कर दिए गए हैं. हालांकि सरकार ने कहा कि अलगाववादी तत्वों द्वारा किसी हिंसा की आशंका के मद्देनजर शुरुआती दिनों में एहतियातन मोबाइल-इंटरनेट सेवा को बंद किया गया था लेकिन अब अधिकांश इलाकों में इसे बहाल कर दिया गया है.

भर्ती दौड़ में भी शामिल हुए थे युवा

इस बीच सैकड़ों की संख्या में कश्मीरी युवा भारतीय सेना में शामिल हो गए. इससे पहले भी आर्मी भर्ती दौड़ में हजारों की संख्या में घाटी के युवकों ने भाग लिया था. गौरतलब है कि कुछ महीने पहले आतंकवादियों ने भारतीय सेना में शामिल कश्मीरी जवान औरंगजेब की गोली मारकर हत्या कर दी थी, तब उनके पिता ने कहा था कि वे आतंकवादियों के खात्मे के लिए हथियार उठाने को तैयार हैं. वहीं औरंगजेब के भाइयों ने भी सेना का हिस्सा बनने की इच्छा जताई थी.

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