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NRC पर घमासान, 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आये शरणार्थियों के नाम शामिल नहीं,SC जायेगा AASU

गुवाहाटी : असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआसी) के अंतिम संस्करण में कई ऐसे लोगों के नाम शामिल नहीं हैं जो 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आये थे. सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘एनआरसी में कई ऐसे भारतीय नागरिकों के नाम शामिल नहीं किये गये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2019 3:25 PM

गुवाहाटी : असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआसी) के अंतिम संस्करण में कई ऐसे लोगों के नाम शामिल नहीं हैं जो 1971 से पहले बांग्लादेश से भारत आये थे. सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘एनआरसी में कई ऐसे भारतीय नागरिकों के नाम शामिल नहीं किये गये हैं जो 1971 से पहले शरणार्थियों के रूप में बांग्लादेश से आये थे क्योंकि प्राधिकारियों ने शरणार्थी प्रमाण पत्र स्वीकार करने इनकार कर दिया.’

उन्होंने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकारों के पहले किए अनुरोध के अनुसार उच्चतम न्यायालय को सीमावर्ती जिलों में कम से कम 20 प्रतिशत और शेष असम में 10 प्रतिशत पुन: सत्यापन की अनुमति देनी चाहिए।.उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं दोहराता हूं कि केंद्र एवं राज्य सरकारों के अनुरोध पर शीर्ष अदालत को सटीक एवं निष्पक्ष एनआरसी के लिए (सीमावर्ती जिलों में) कम से कम 20 प्रतिशत और (शेष जिलों में) 10 प्रतिशत पुन: सत्यापन की अनुमति देनी चाहिए.’ दोनों सरकारों ने खासकर बांग्लादेश की सीमा से लगे जिलों में एनआरसी में गलत तरीके से शामिल नाम और बाहर किए गए नाम का पता लगाने के लिए नमूनों के पुन: सत्यापन को लेकर न्यायालय से दो बार अपील की थी. न्यायालय ने इस माह की शुरुआत में कड़े शब्दों में कहा था कि निश्चित पैमानों के आधार पर एनआरसी की पूरी प्रक्रिया पुन: शुरू नहीं की जा सकती.

उल्लेखनीय है कि असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी कर दी गयी. एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था. इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है.

गौरतलब है कि ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) शनिवार को जारी अंतिम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से निकाले गये नामों के आंकड़े से खुश नहीं है और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा. वर्ष में 1985 में हुए असम समझौते में आसू एक पक्षकार है जिसमें असम में रह रहे अवैध विदेशियों को पहचानने, हटाने और निकालने का प्रावधान है.

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