असम : बुजुर्ग डॉक्टर की मौत के बाद जूनियर डॉक्टरों ने निकाली कैंडल मार्च, तीन मार्च से हड़ताल

गुवाहाटी : असम के जोरहाट जिले में एक बगान में मजदूरों की पिटाई से शनिवार को हुई बुजुर्ग डॉक्टर की मौत से गुस्साए राज्य के जूनियर डॉक्टरों ने रविवार की शाम को विरोध-प्रदर्शन करते हुए डिब्रूगढ़ में कैंडल मार्च निकाली. असम के जोरहाट जिले में चाय बागान के मजदूरों की कथित पिटाई से एक बुजुर्ग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2019 7:49 AM

गुवाहाटी : असम के जोरहाट जिले में एक बगान में मजदूरों की पिटाई से शनिवार को हुई बुजुर्ग डॉक्टर की मौत से गुस्साए राज्य के जूनियर डॉक्टरों ने रविवार की शाम को विरोध-प्रदर्शन करते हुए डिब्रूगढ़ में कैंडल मार्च निकाली. असम के जोरहाट जिले में चाय बागान के मजदूरों की कथित पिटाई से एक बुजुर्ग चिकित्सक की मौत हो गयी. बागानकर्मी अपने एक साथी की इलाज के दौरान हुई मौत से नाराज थे.अधिकारियों ने बताया कि घटना शनिवार को टिओक चाय बागान में हुई. वहीं दूसरी ओर, बुजुर्ग डॉक्टर की पिटाई के विरोध में राज्य के डॉक्टरों ने रविवार को तीन सितंबर को राज्यभर में 24 घंटे की हड़ताल का रविवार को अपील की. हालांकि, हड़ताल में आपात सेवाएं शामिल नहीं होंगी.

जोरहाट जिले की उपायुक्त रोशनी अपरंजी कोराटी का कहना है कि सोमरा मांझी की मौत के बाद उसके साथियों ने 73 वर्षीय डॉक्टर देबेन दत्ता की कथित तौर पर पिटाई कर दी गयी. मांझी का बागान के ही अस्पताल में इलाज चल रहा था. कोराटी ने बताया कि चाय बागान कर्मियों ने अस्पताल को घेर लिया और पुलिस ने डॉ दत्ता को बचाया. बाद में उन्हें जोरहाट चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल स्थानांतरित किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी.

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उन्होंने बताया कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिये गये हैं और अतिरिक्त उपायुक्त सुभान गोवाला को सात दिन में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. उपायुक्त के अनुसार, घटना में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है और अब स्थिति नियंत्रण में है. इस बीच, असम वैली कंसलटेटिव कमेटी ऑफ प्लांटेशन एसोसिएशन (सीसीपीए) ने घटना की निंदा की और प्रशासन से मामले के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की.

सोमवार से 24 घंटे की हड़ताल पर जायेंगे राज्यभर के डॉक्टर, आपातकालीन सेवाएं जारी

उधर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की असम राज्य शाखा के अध्यक्ष डॉ सत्यजीत बोरा ने कहा कि तीन सितंबर को डॉक्टर सुबह छह बजे से हड़ताल करेंगे, लेकिन सभी अस्पतालों की आपात सेवाएं खुली रहेंगी. टियोक चाय बागान के 73 वर्षीय डॉक्टर देबेन दत्ता की बागान के मजदूरों ने शनिवार को पिटाई की थी. उन्होंने चाय बागान के अस्पताल में एक व्यक्ति की मौत के बाद डॉक्टर की पिटाई कर दी थी. दत्ता की बाद में जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गयी थी.

बोरा ने बताया कि दत्ता पर हमला चाय बागानों में काम कर रहे डॉक्टरों पर शारीरिक हमले की तीसरी बड़ी घटना है और ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं और डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराने तथा दोषियों को सजा दिलाने में सरकार की नाकामी के खिलाफ विरोध के तौर पर डॉक्टरों ने 24 घंटे तक काम न करने का फैसला किया है.

इस बीच, असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने घटना की निंदा करते हुए इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया. उन्होंने अपने टि्वटर हैंडल पर कहा कि हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई भी कानून अपने हाथों में ले और जिला प्रशासन को दोषियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं.

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