हरियाणा के बिजली मंत्री ने दिया इस्तीफा
चंडीगढ: हरियाणा के बिजली मंत्री अजय यादव ने नियुक्ति और विभिन्न आयोगों तथा संवैधानिक इकाईयों में भर्ती एवं सदस्यों को शामिल करने समेत कई मामलों में ‘पक्षपात’ का आरोप लगाते हुए आज भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार इस्तीफा दे दिया. यादव ने यहां बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा हुड्डा को भेज दिया […]
चंडीगढ: हरियाणा के बिजली मंत्री अजय यादव ने नियुक्ति और विभिन्न आयोगों तथा संवैधानिक इकाईयों में भर्ती एवं सदस्यों को शामिल करने समेत कई मामलों में ‘पक्षपात’ का आरोप लगाते हुए आज भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार इस्तीफा दे दिया.
यादव ने यहां बताया कि उन्होंने अपना इस्तीफा हुड्डा को भेज दिया है. हालांकि छह बार रेवाडी से कांग्रेस के सांसद रह चुके यादव कांग्रेस पार्टी में बने रहेंगे. यादव ने कहा कि हाल में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने राज्य में महज एक सीट से जीती है लेकिन वह ‘‘कोई भी सबक सीखने में विफल रही है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसी को तो बिल्ली के गले में घंटी बांधनी ही है. और मैंने यह कदम उठाने (इस्तीफा देने) का फैसला किया है.’’ जब उनसे पूछा गया कि उनके इस्तीफे पर हुड्डा की क्या प्रतिक्रिया थी तो यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें एक बार फिर सोच लेने के लिए कहा लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया.
यादव ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस आला कमान द्वारा फैसला लिए जाने का इंतजार कर रहा हूं.’’ जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने अपने मुद्दे कैबिनेट की विभिन्न बैठकों में उठाए थे तो उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठकें अपने एजेंडे तक सीमित होती हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पार्टी की हार के कारणों की विस्तृत जानकारी एंटनी पैनल को दे दी थी.’’ यादव ने कहा कि वे जल्दी ही पार्टी आला कमान से मिलेंगें. ‘‘मैं सम्मान चाहता हूं. यदि यह नहीं दिया जाता तो मैं और क्या कर सकता हूं ?’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस्तीफे जैसा कदम मजबूरी में उठाना पडा है. इसके मुख्य कारण विकास, विभिन्न आयोगों एवं संवैधानिक इकाईयों में नियुक्ति एवं सदस्यों को शामिल करने के मामलों में पक्षपातपूर्ण रवैया , अफसरशाही का बोलबाला, विधायकों समेत पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, और लोकसभा चुनावों में हार के बावजूद पार्टी का कोई भी सबक सीखने में विफल रहना है.’’