दुनिया का सबसे मारक हेलीकॉप्टर ”अपाचे” आया भारत, ऐसे उड़ाएगा दुश्मनों के होश, जानें खास बातें
नयी दिल्लीः दुनिया का सबसे मारक हेलीकॉप्टर भारत आ गया है. इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर का नाम है अपाचे. भारतीय वायुसेना के बेड़े में आठ अपाचे के शामिल होने से उसकी ताकत और घातक हो गई है. अपाचे पहला ऐसा हेलीकॉप्टर है जो भारतीय सेना में विशुद्ध रूप से हमले करने का काम करेगा. देखें वीडियोः […]
नयी दिल्लीः दुनिया का सबसे मारक हेलीकॉप्टर भारत आ गया है. इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर का नाम है अपाचे. भारतीय वायुसेना के बेड़े में आठ अपाचे के शामिल होने से उसकी ताकत और घातक हो गई है. अपाचे पहला ऐसा हेलीकॉप्टर है जो भारतीय सेना में विशुद्ध रूप से हमले करने का काम करेगा.
देखें वीडियोः हेलीकॉप्टर अपाचे,ऐसे उड़ाएगा दुश्मनों के होश, जानें खास बातें
इसी हेलीकॉप्टर की मदद से अमेरिका ने दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुसकर मार गिराया था. अमेरिका ने जब अफगानिस्तान और इराक पर हमला किया था तब पूरी दुनिया ने अपाचे का दम देखा था. आज हम आपको बताएंगे इस खतरनाक हेलीकॉप्टर के बारे में सबकुछ …..
आतंक के खिलाफ लड़ाई में दुनिया का सबसे दमदार हथियार
आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत को दुनिया का सबसे दमदार हथियार मिल गया है. पाकिस्तान बॉर्डर से पठानकोट एयरबेस पर अमेरिका से मिले अधुनिक तकनीक वाले आठ अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात हो गए हैं. इसी के साथ भारत ‘अपाचे हेलीकॉप्टर ’का इस्तेमाल करने वाला 15वां देश बन गया है.
अमेरिकी कंपनी का AH-64 अपाचे दुनिया भर में मल्टि रोल युद्धक हेलीकॉप्टरके तौर पर जाना जाता है. इसे लंबे समय से अमेरिकी सेना में इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन अब इसका इस्तेमाल भारत भी करेगा. पठानकोट एयर बेस पर तैनाती से पहले अपाचे हेलिकॉप्टर्स को वॉटर कैनन से सलामी दी गई.
इसके बाद एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल आर नांबियार ने अपाचे हेलिकॉप्टरों की पूजा की. भव्य समारोह में बोइंग इंडिया के अध्यक्ष सलिल गुप्ते ने अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की चाबी एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ को सौंपी. पठानकोट एयरबेस पर अपाचे की तैनाती से भारतीय एयरफोर्स की ताकत और बढ़ जाएगी.
वायुसेना के लिए काफी शानदार
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने पठानकोट एयरबेस पर कहा कि ये हेलीकॉप्टरवायुसेना के लिए काफी शानदार रहने वाला है. क्योंकि इसमें डेटा शेयरिंग की क्षमता है, जो एस्कॉर्ट, दुश्मन का सामना करने जैसे कई बड़े ऑपरेशन में हमारी मदद कर सकता है. बीएस धनोआ ने इस दौरान इस हेलिकॉप्टर की खूबियां बताईं, साथ ही ये भी कहा कि इसे भारत की सुविधा के अनुसार बनाया गया है.
बीएस धनोआ बोले कि दुनिया के कई बड़े मिशनों का ये अपाचे हेलिकॉप्टर गवाह बना है. सितंबर, 2015 में जब भारत और अमेरिका के बीच ये डील हुई थी, तब हमारी वायुसेना ने अपनी जरूरतों को बोइंग को बताया था.
दुश्मन को हवा में मार गिराने की ताकत में और इजाफा
अपाचे को अपने बेड़े में शािमल कर भारतीय वायुसेना ने दुश्मन को हवा में मार गिराने की अपनी ताकत में और इजाफा किया है. मिराज, सुखोई, तेजस और मिग सीरीज के एयरक्राफ्ट्स से सजी भारतीय वायुसेना के बेड़े में अपाचे के शामिल होने से भारत अब आकाश में किसी दुश्मन का खात्मा कर सकेगा. अबतक भारतीय वायुसेना को कुल 12 ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ मिल चुके हैं.
बता दें कि भारत ने सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग कंपनी के साथ कुल 22 ‘अपाचे हेलीकॉप्टर’ समझौता किया था. भारतीय वायुसेना को 4 अपाचे हेलीकॉप्टरकी पहली खेप 27 जुलाई को मिली थी. इसके बाद 8 अपाचे हेलिकॉप्टर 2 सितंबर को भारत आ गए. साल 2020 तक वायुसेना को सभी 22 हेलीकॉप्टरमिल जाएंगे.
दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी ओसामा बिन लादेन इसी अपाचे का सबसे बड़ा शिकार बना था. अमेरिका ने अपाचे को बनाया और अफगानिस्तान से लेकर इराक तक दुश्मनों को ढेर कर दिया था. भारत के अलावा अमेरिका, मिस्र, ग्रीस, इंडोनेशिया, इजरायल, जापान, क़ुवैत, नीदरलैंड्स, क़तर, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, यूएई और सिंगापुर सहित कुल 15 देश ही ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ का इस्तेमाल करते हैं.
अपाचे युद्ध के समय ‘गेम चेंजर’
अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है. रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि अपाचे युद्ध के समय ‘गेम चेंजर’ की भूमिका निभा सकता है. किसी भी तरह का मौसम हो, किसी भी तरह की परिस्थिति हो, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरदुश्मनों को नहीं छोड़ता.
अपाचे हेलीकॉप्टर’ में 2 टर्बोसॉफ्ट इंजन लगे हैं. इसके 4 शक्तिशाली पंख हैं .365 किमी/घंटे की रफ्तार भर सकता है. अपाचे हेलीकॉप्टरदो मिनट के भीतर अपनी 30 mm कैनन से 1200 राउंड फायरिंग कर सकता है. यह 70 mm रॉकेट से भी लैस है. हेलफायर मिसाइल के अलावा अपाचे एक बार में 80 रॉकेट लॉन्च कर सकता है. रात के घुप्प अंधेरे में भी ये मिसाइलें अपने टारगेट की पहचान कर उसे भेदने में सक्षम हैं. जल्द ही हेलीकॉप्टरचिनूक भी भारतीय सेना के बेड़े में शामिल होगा.